मेरे पत्र

  1. प्यारी हिनु तुम्हारे पापा का तुम्हारे लिए पहला पत्र-

प्यारी हिनु

       8 नवंबर 2017 को तुम्हारा जन्म हुआ,और मेरा जीवन अनगिनत खुशियों से भर गया।नींद में तुम्हारी प्यारी हँसी हँसा देती है मुझे भी भीतर तक,ओर तुम्हारा रोना कर देता है विचलित हम सभी को।तुम्हारे नंन्हे नन्हे पाव जब हवा में अठखेलिया करते है तो लगता है जैसे बड़े से बड़े धावक को भी पीछे छोड़ दोगी तुम।तुम्हारे नन्हे तलवे जब छुआता हु अपने चेहरे से तो लगता है जैसे दुनिया के सबसे कोमल फूल छू रहे हो मुझे।तुम्हे जब गोद मे लेता हूं तो तुम्हारा मेरी तरफ यूं प्यार से ऐसे देखना कर देता है मुझे तुम्हारे प्यार में सरोबार ओर मेरे कंधे पर तुम्हारा सिर रखकर लिपट कर सोना ऐसा लगता है कि बस ये क्षण कभी समाप्त न हो।
     लोग कहते है बदल गया हूं मैं सच ही तो है कोई कैसे न बदले तुम्हारे जैसी प्यारी सी बिटियां को पाकर,ओर फिर इस दुनिया मे कितना मुश्किल है न अपने मन का होना, आप जो चाहो वो आपको मिल जाये।8 नवंबर को मुझे वो सब कुछ मिल गया जो ईश्वर से मांगी जाने वाली मेरी हर प्रार्थना में शामिल था।
   जानती हो हिनु जन्म के बाद दी जाने वाली पहली गुटकी(घी और गुड़ का मिश्रण) तुम्हारी नानी के कहने पर मैने ही तुमको दी थी।और अब घरवाले कहते है की तुम मेरे जैसी ही होने वाली हो।कोई तुम्हारे नाक से तो कोई तुम्हारी छोटी सी ठोड़ी से तुम्हारी ओर मेरी समानता को जोड़ता रहता है।और इन बातों को सुनकर तुम्हारे पापा खुशी से ओर मोटे होते जा रहे है।
     प्यारी हिनु तुम सदैव खुश रहो तुम जीवन को पूरे आंनद से जियो अपने सपने खुद बुनों ओर उन्हें साकार करो।जीवन मे आने वाली समस्याओं से लड़ना सीखो ओर अपने तरीके से उन समस्याओं को हल करना सीखो।तुम सदैव सामना करना सीखो भागना नही।
      कुछ दिनों बाद जब होली आ रही है  और हमारे यहाँ छोटे बच्चों की ढूंढ की परंपरा है परन्तु लोग कहते है की सिर्फ लड़को की ही ढूंढ होती है तो बिटियां बताना चाहता हूं की इस बार तुम्हारे ढूंढ की तैयारी भी पूरी है और सभी को निमंत्रण है इस नई परंपरा की शुरुआत पर।
    प्यारी बिटियाँ तुम सदैव खुश रहो तम्हारी खुशी तुम्हारे माता पिता के लिए खुश रहने की सबसे बड़ी वजह है।
 तुम्हारा पिता
    सुरेश
 25/2/18.