अगर व्र्क्श्

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अगर मूल रूप से एशिया महाद्विप का वृश्र हे। यह भारत के साथ चीन, मलाया, लाओस, कम्बोडिया, सिंगापूर, मलक्का,भूटान, बांग्लादेश,म्याँम्र्र सुमात्रा,जावा आदि मे पाया जाता हे। भारत मे यह उतर भारत के पुर्वी हिमालय के आसपास के भागो त्रिपुरा,नागालेंड,आसाम,मणिपूर और केरल मे पाया जाता हे। इनमे सिलहट मे पाया जाने वाला अगर सर्वोतम माना जाता हे। अगर,त्रिपुरा का राजकीय वृक्ष हे।

विशेषताएँ

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सुग्ंध फैलाने वाले इस शानदार वृक्ष की ऊंचाई १८ मीटर से ३० मीटर तक तथा तने की परिधि १.५ मीटर से लेकर २.५ मीटर तक होती हे।[1]

 
agar

अगर वृक्ष के तने की छाल भोज पत्र के समान पतली होती हे। इसीलिए इसकी छाल का उपयोग एक लम्बे समय तक भोज पत्र के समान धार्मिक पोथियों,साहित्य और इतिहास लिखने मे किया गया।अगर वृक्ष के तने से उपर उठ्ने के बाद शाखाएँ गरुड के प्ंखो के समान फैली हूई होती है। इसलिए इसे ईगल वूड भी कहा जाता है।[2]

यह सदाबहार वृक्ष है। अर्थात यह हमेशा हरा भरा रहता है। इसकी खूरदरी और तंतुदार शाखाओं तथा उपशाखाओं वर्ग :औशधीय पौधा

reflist

  1. https://bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%85%E0%A4%97%E0%A4%B0_(%E0%A4%B5%E0%A5%83%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7)
  2. http://tropical.theferns.info/viewtropical.php?id=Aquilaria+malaccensis