Teenu p scaria
टीनु पि स्करिया
टीनु पि स्करिया
नाम टीनु पि स्करिया
जन्मनाम टीनु पि स्करिया
लिंग महिला
जन्म तिथि ०७ मार्च १९९७
जन्म स्थान = एर्नकुलम
निवास स्थान --
देश  भारत
नागरिकता भारतीय
जातियता भारतीय
शिक्षा तथा पेशा
पेशा छात्र
नियोक्ता --
शिक्षा बीएससी
महाविद्यालय क्राइस्टयूनिवर्सिटी
विश्वविद्यालय क्राइस्टयूनिवर्सिटी, बेंगलुरु
उच्च माध्यामिक विद्यालय संत मेरी आग्रोजी मीडियम हाई स्कूल,चिट्टारिक्काल
शौक, पसंद, और आस्था
शौक संगीतसुनना, किताबपढना, नाचना
धर्म ईसाई
राजनीती स्वतंत्र
चलचित्र तथा प्रस्तुति कुछ कुछ होता है,बंगलौर टीईस
पुस्तक सभीतरहके
रुचियाँ

नृत्य

सम्पर्क विवरण
वेबसाईट --
ब्लाग --
ईमेल teenupscaria@gmail.com
फेसबुक Teenu P Scaria
ट्विटर ---

मैं टीनु पि स्करिया है। यहा मेरे बचपन, पढाई,शौक और लक्ष्य के बारे में बताता है।

मेरा नाम टीनु पि स्करिया है। मैं अठारह साल की हूँ। मेरा जन्म ७ मार्च १९९७ में केरल के एर्नकुलम जिल्ला में हुआ था। अब मैं अपने परिवार के साथ कसर्गोड में रहते है। केरल एक अच्छा और सुन्दर देश है। केरल को ईशवर का देश कहते है। मेरे घर में चार लोग है। मैं, मेरा पिताजी, माताजी और एक बडा भाई भी है। मेरा पिताजी का नाम स्करिया है और वह एक किसान है। माताजी का नाम साली है और वह एक अध्यापिका है। भाई का नाम टोणि है और वह डिग्री पढते है। मेरी परिवार मेरेलिये सब कुछ है। मेरे जीवन की ह्रर पल में मेरे परिवार मेरे साथ है। मैं अपने परिवार के साथ खुश है।

मेने अपने दसवी कक्षा तक की पढाई संत मेरी आग्रोजी मीडियम हाई स्कूल में किया था और संत तोमस हायर सेकन्ड्री स्कूल में अपनी बारहवी कक्षा की पढाई पूरा किया। मेने अपनी बारहवी तक की पढाई केरल में किया था। मेरे विध्यालय की दिनों मुझे अभी भी याद है। मेरे दोस्तों और अध्यापको के साथ बिताया गया दिनों मेरे जिदगी के सबसे अच्छे दिन थे।हर एक व्यक्ति के जीवन में विध्यालय के दिनों सबसे अच्छे होते है। अब में अपनी पढाई केलिये बंग्लुरु आया। अब में क्रयिस्ड विशवविध्यालय मे पढते है।

मुझे किताबें पढना, गाना सुनना, नाचना, फिल्म देखना आदी अच्छा लगता है। मुझे श्रेया घोशल की गाना पसद है। छेतन भगत मेरा पसद लेखक है। मुझे हिन्दी, मलयाल्म, आग्रेजी आदी भाषा जानता है। मुझे टी वि देखना भी पसंद है। मैं अपने घरवालों और बडों का इज्जद करते है। अब में होस्तल में रहते है। इसलिए मुझको मेरे घर के याद आते है। मुझको मेरे माँ के हाथ से बना खाना का याद आती है। मैं हर दिन ईश्वर से प्रार्थना करते है। वह मेरेलिए बहुत ही ताकत है। दूसरो का सहायता करना मुझे पसंद है। दोस्तों के साथ बात करना मुझे ज्यादा पसद है।परिवार के साथ और दोस्तों के सात घूमना मुझे अच्छा लगता है। जब मैं स्कूल में थे तब मैं कई प्रतियोगिता में भाग लेते थे। भविष्य में मैं एक अध्यापिका बनना चाहते है। क्योकि गुरु ही हमको सहि रास्ता दिखाते है और वह ही हमको सब विध्या देती है। एक अच्छा गुरु बनना बडा बात है।

मेने अपने बचपन में खूब मस्ती की थी। मेरी मानना था की वही मेरा जिद्गी है। लेकिन जब अकेले रहने शुरु किय तो जिदगी की कटिनाओं के बारे में पता चला। अब मुझे अपने जिद्गी में एक लक्ष्य है और जिद्गी की सच्चाईओं का ऐहसास भी है।मैं एक शिक्षक बनना चाहते हुँ। अब जिद्गी की हर कटिनाओं को पार करना मुझे आता है। जिद्गी में ह्मेशा सच्चाई साथ लेना चाहिए। हमारे कर्थव्यों को निभाकर जिम्मेदारी से जीना है तो लोगों के मन में हम हमेश जीओगी।