तुलसी विवाह[1] संपादित करें

तुलसी विवाह Tulsi Vivah हिन्दू धर्म का एक महत्व पूर्ण पर्व है। कई धर्म प्रेमी लोग इस विवाह को सम्पन्न कराते हैं । धार्मिक पुराणों के मुताबिक इस दिन तुलसी का विवाह करने से कई अनोखे धार्मिक लाभ मिलते हैं। यहाँ हम आपको बताएँगे इसकी पूरी कथा, शुभ मुहूर्त, विधी, इसका महत्व आदि पूरी जानकारी । यदि आप तुलसी विवाह Tulsi Vivah को लेकर पूरी और सटीक जानकारी चाहते हैं तो यह आपके लिए एक दम  सही जगह हैं । यहन आपको इससे संबन्धित पूरी जानकारी वह भी विस्तार से दी जाएगी ।

तुलसी विवाह Tulsi Vivah कब होता है संपादित करें

भगवान विष्णु के चार माह की निद्रा के बाद जब वह जागते हैं, तभी तुलसी विवाह कराया जाता है। अब भला ये कैसे पता करें कि विष्णु भगवान कब जागते हैं। तो इसके लिए इतना हैरान होने की बात नहीं है। जब भगवान विष्णु निद्रा से जागते हैं तब देव उत्थान एकादशी होती है । और इसी दिन तुलसी विवाह होता है ।

किस्से होता है तुलसी का विवाह संपादित करें

अब जान लीजिये कि तुलसी का विवाह किस्से होता है ? तुलसी जी का विवाह एकादशी के दिन जब विष्णु भगवान नींद से जागते हैं तब उनसे किया जाता है । कई लोग शालिग्राम पाषाण से भी तुलसी की पूजा कराते हैं। तुलसी को विष्णु प्रिया , और हरी प्रिया भी कहा जाता है।

क्यों किया जाता है तुलसी विवाह Tulsi Vivah संपादित करें

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार घर में सुख शांति के लिए इस तरह के पूजा पाठ अक्सर किए जाते हैं , लेकिन इस का एक और भी महत्व है, बताया जाता है कि जिस किसी के बेटी नहीं होती वह लोग तुलसी का विवाह करते हैं। इससे उन्हें कन्या दान करने का सौभाग्य मिल जाता है । तो बही कुछ लोगों का कहना है कि जिस किसी लड़के की शादी नहीं हो रही होती , या शादी में अडचने आ रहीं होती हैं बह लोग भी तुलसी विवाह कराते हैं।

तुलसी विवाह Tulsi Vivah विधि संपादित करें

  1. तुलसी विवाह के बाद नीचे दिए मंत्र से भगवान विष्णु को जगाएं.
  2. आरती उतारने के बाद तुलसी की 11 बार परिक्रमा करें और प्रसाद बांटे.
  3. पूजा की थाली में ढेर सारा कपूर रख जलाएं. इससे तुलसी और शालिग्राम की आरती उतारें.
  4. पूजन करते हुए इस मौसम आने वाले फल जैसे बेर, आवंला, सेब आदि चढ़ाएं.
  5. गन्ने के मंडप पर भी हल्दी का लेप लगाएं.
  6. तुलसी और शालिग्राम की हल्दी करें. इसके लिए दूध में हल्दी भिगोकर लगाएं.
  7. गमले में शालिग्राम पत्थर भी रखें.
  8. तुलसी के गमले की मिट्टी में ही एक गन्ना गाढ़ें और उसी पर लाल चुनरी से मंडप सजाएं.
  9. शुभ मुहूर्त के दौरान तुलसी के पौधे को आंगन में पटले पर रखें.
  10. कन्यादान करने वाले इस रस्म से पहले व्रत रखें.
  11. पूरा परिवार और शादी में शामिल होने वाले सभी अतिथि नहा धोकर अच्छे कपड़ों में तैयार हों.
  1. "तुलसी विवाह Tulsi Vivah क्यों और कैसे करें ?". http://actionnews.in/. मूल से |archive-url= दिए जाने पर |archive-date= भी दी जानी चाहिए (मदद) को पुरालेखित. |website= में बाहरी कड़ी (मदद)