Tirukovelasrikar1831372
चित्र:Https://commons.wikimedia.org/wiki/File:TIrukovela Srikar.jpg
जन्मनाम तिरुकोवेल श्रिकर्
लिंग पुरुश
जन्म तिथि २३ फरवरी २०००
जन्म स्थान हैदेरबाद
देश  भारत
नागरिकता भारत
शिक्षा तथा पेशा
पेशा छात्र
शौक, पसंद, और आस्था
शौक फोटोग्रफी
धर्म हिन्दु

परिछय संपादित करें

 

तिरुकोवेल श्रिकर, जन्म (२३ फेब्रुअरी २०००)

किसी न सच ही कहा है कि अपनेआप को हमसे बेहतर कोई नहीं जान सकता। मेरा नाम श्रिकर है। मैं इस छोटे से लेखन में अपने बारे में कुछ बताऊंगा। वैसे तो मैं बहूत सुलझा हुआ इंसान हूँ लेकिन मुझे पढ़ना सबके बस की बात नही है। मैं अपने सारे कामो को बड़े साफ़ और सही तरीके में करता हूँ। मुझे अपने काम को जल्दी से जल्दी या समय पे खत्म करना पसंद है। मैं हैदराबाद के निवासी हूँ और मैंने अपने अभी तक की पूरी पढ़ाई वही की है। बचपन के वो सारे दिन मुझे आज भी याद है जब मेरी माँ मुझे खाना खिलना के लिए पूरे घर मे मेरे पीछे भागा करती थी, और पापा मुझे गोद मे लेकर पूरे बाजार घुमा करते थे।अपने देश से प्रेम करना भारत के हर नागरिक का कर्तव्य है। रा.कै.को भले ही कठिन है पर वह अपने ज़िन्दगी के कई और कठिनाईओं को झेलने का और आगे बढ़ते रहना का कड़ापन देती है।

सारे शिक्षक मुझे बहूत मानते थे। स्कूल की सारी यादे मेरे दिल के बहुत करीब है। बचपन के उन दिनों को याद करता हूँ तो अपनेआप होठो पर एक अलग ही मुस्कान आ जाती है। अपने माँ के हाथ का बना खाना मुझे बहूत पसंद है।

परिवार संपादित करें

मेरा पिता जी का नाम केशव कुमार है और मेरी माता का नाम काव्य श्री है। मेरे पिता एक सरकारी स्कूल मई शिक्षक है और माता गृहिणी है। मुझे अपने माता पिता से बहुत प्यार और सम्मान है। वे मेरा हर बात का आदर करते है और मुझे मेरे हर कदम मे साथ देते है। मेरा एक बड़ा भाई है जिसका नाम लिखित है। वे उम्र मे मेरे से चार साल बड़ा है। पर वह मेरा सबसे अच्छा दोस्त है। मेरा भाई ने मेरा हर ख़ुशी और कठिनाईयों मे मेरा साथ दिया है। मेरा कामियाबी मे मेरा परिवार का सबसे बड़ा हिस्सा है। मेरा सफलता का प्रेरणा मुझे मेरा परिवार से मिला है।

विद्यार्थि जीवन संपादित करें

मैं अपना स्कूल का अच्छा छात्र रहा। मैं दसवीं कक्षा में अपने स्कूल का अनुशासन कप्तान था। परीक्षाओं  में सबसे अचे अंक लाता था। सारे खेल कूद में भी बढ़ चढ़ कर भाग लेता था और हर खेल में जीत हासिल करता था । मैं अपने स्कूल का प्रतिनिधित्व करते 4 विभिन्न राज्यों में घुमा हूँ। मैं अपने स्कूल के समय से लेके ग्यारवी कक्षा थक राष्ट्रीय कैडेट कोर का भी हिस्सा बना रहा और मैंने ७ कैंप पुरे किये थे। रा.कै.को (राष्ट्रीय कैडेट कोर) का हिस्सा रहने के वजह ही मुझमें देश बक्ती और अपने देश से प्रेम करने के प्रेरणाएँ उभरे है।

शौक संपादित करें

हैदराबाद की गलयो से मेरा अलग ही रिश्ता है, वहाँ क्रिकेट खेलते कब दिन निकल जाता था किसी को पता ही नहीं। वही गलयो ने मुझे फोटोग्राफी करने के ख्वाब दिखाये थे। १४ साल की उम्र से मैं फोटोग्राफी सिख रहा हूँ, कई सारे कलाकारों से भी इस सिलसिले में मेरा मुलाकात हुआ है। उनसे बहूत कुछ सीखने को मिला और अब ज़िन्दगी की खूबसूरती को अपने कैमरा में कैद करना सीख रहा हूँ मैं। मैं आज थक भारत के ११ राज्यों में घूम चूका हूँ।

मेरा ख्वाब है की मैं पूरा भारत के कोने-कोने का दर्शन करना चाहता हूँ और मेरी धरती का खूबसूरती को मेरे सात-सात सारा संसार से बाटना चाहता हूँ। इस समय में तस्वीरे खींचना और उसमे अपना नाम खड़े रखना कोई आम बात नहीं है। हर किसी की तरह ज़िन्दगी ने मुझे भी कई चुनौतियाँ दिए थे। पर इन चुनौतियों ने मुझे गिराया नहीं बल्कि मुझे और मज़बूत बनाया है और मेरे सपने पूरा करने के नए दरवाज़े दिखये है। आगे भी कुछ ऐसा करने का दिल करता है जो मेरी आखरी सांस में भी मुझे जीने का खुसी दे।