Vaishali1840265
नाम वैशाली
जन्मनाम वैशलि
लिंग महिला
जन्म तिथि २७/७/२०००
जन्म स्थान बैंगलोर
देश साँचा:Country data इंडिया
नागरिकता भारतीय
शिक्षा तथा पेशा
शिक्षा बीएससी
महाविद्यालय क्राइस्ट विश्वविद्यालय
उच्च माध्यामिक विद्यालय नया नागरिक हाई स्कूल
शौक, पसंद, और आस्था
शौक बैडमिंटन
पुस्तक उपन्यास
सम्पर्क विवरण
ईमेल vaishali.c@science.christuniversity.in

अपने बरे मे    

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मेरा नाम वैशालि है। मेरा जन्म सन २७ जुल्य् २००० को कर्नाटक राज्य के बेगलूरू मे हुआ था। मेरा माता-पिता का नाम शोलण और प्रमिला है। मै सिटिजन्स स्कूल मे दस्वी कक्षा तक विध्याभ्यास की। मै दस्वी परिक्षा मे अधिक अंक पाने के लिए बहूत मेहनत की और इसके कारण मै प्रतम अंक से पास हुई। मेरे परिवार लोग बहुत प्रासंन होकर मुझे कही सारे बेंट देने लगे । बेंटो को पाकर मुझे अधिक प्रसंन हुआ और मेरी प्रतिभा ओर भी बडने लगी। और पी-यू-सी मे भी मेहनत से प्रथम अंक से उतीर्ण की।

 
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अपना परिवार

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मेरे लिए अपने पिता एक आदर्श मर्गदर्शक है। वह प्रातिभाशाली व्यक्ति और सबको प्रारित करते भी है। वह हमारे परिवार को समालते है। वह कडी मेहनत और परिश्रम से अपने बल से बनी कारोबार चलाते है। वह समय का बहुत पाभंद करते है। पिताजी कहते है कि हम परिश्रम करने से ही जीवन के राह् मे उन्णती पाते है। मुझे मेरी माँ से बहुत लगाँव है। वह घर समालती है और साथ मे ही अध्यापक के रूप मे कार्य कर रही है। वह हमे हमेशा कहती है कि लडकियाँ घर के काम मे भी हाथ बटाना चाहिए। मेरे दो बहने है। एक सुमिता और मोनिशा  है। हम एक दूसरे से बहुत प्यार करते है। हम मिलजुलकर खेलते है और गप्पे भी मारते है। हम साथ मे लडते भी है । जिसके कारण मां का डाट भी सुननी पडती थी। हमारे घर मे दादा दादी भी रहते है। हमारा एक सयुक्त परिवार है।


मुझे बेटँमीन्टन खेलना बहुत पसंद है। बच्चपन मे मैने कही सारे खेल खेले जैसे सतोलिया, लगँडी-टाँग, पकडम-पकडाई, काली-टीलो और कमरो मे गुडडे-गुडीयो के ब्याह भी रचाए, पास पडोस की सहलियों के साथ खेल रही थी। मुझे विबिन जगह घूमना प्रसंन है। मै अपने दोस्तो के साथ मिलकर हंगामा मचाती हूँ और खूब मस्ती करती हु। मुझे तरह तरह के भोजन बनाने मे रुची है। मै हमेशा गर्मी की छुटीयो मे अपने नाना-नानी की घ्रर जाती हूँ। वह मुझे अधिक प्यार करते है। वह मुझे तरह-तरह के मिटाईयाँ दिलवाते है और घूमने ले चलते है। वह हमे रात मे सोने के समय लोरी भी सुनाते है। बहुत पहले की घटना मुझे अब भी याद है जब हम तीन बहने एक साथ खेल रहते तो अचानक लडने लग गए। और नानी क्रोधित होकर हमे डाटने लग गई और समजाने लगीं कि लडकिया इस तहर लडना नही चाहिए बल्कि एक साथ मिल-जुलकर प्यार से रहना चाहिए और यह हमारा कर्तव्या और व्यक्तित्व है।

 
Badminton Semifinal Pan 2007

अपनी शिक्षा

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अब मै क्रैस्ट विशवविध्याल्य मै बि स ई की डिग्री प्राप्त कर रही हु। इस विशवविध्याल्य मे दाकिला मिलने से मुझे अधिक प्रसंन हुहा और यह मेरा सौंभाग्य है। मेरा पिताजी को भी यह इच्छा था कि मुझे इस विशवविध्यालय मे दाकिला मिले। इस विश्वविद्यालय मे मुझे यहाँ नई-नई चीजो सीखने का मौका मिलती है। यहाँ मुझे खूब सारे दोस्त मिल चुके है और विबिन कार्यक्रमो मे भाग लेने लगी हुँ हर किसी के जीवन मे एक उद्देश्य होना चाहिए। जीवन मे उद्देश्य के बिना आदमी केवल परिस्थितियों के एक खिलौना है। मेरे अनुसार यह है कि हर एक व्यक्ति अपने लक्श्य को पहचान कर और उस् राह पर चलना चाहिए। लक्श्यहीन जीवन, जीवन ही नही। मेरे जीवन का लक्ष्य है कि मै बडी होकर एक कुद के कारोबार आरंभ करना चाती हु। मै यह कहना चाहती हुँ कि महनत और परिश्र्म के बिना मनुशय जीवन मे सफलता और प्रसंन्ता नही पा सकता है

 
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