मैने आपका निबन्ध पढ़ा है जो बहुत सूचनात्मक और अनुपम है। ज्यादातर लोग इतने कठिन विशय पर नहीं लिखते लिखने। लिकिन हमेशा परतुं सुधार की गुंजाइश हमेशा ही रहती है। आपने सरल भाषा का प्रयोग किया हे। अगर आपने अपने वाक्यों को ठीक स्थान पर रखा हुआ तो और अर्थपूर्ण होता था। आपने जो इन्टेर विकि लिंक के इस्तमाल की है जो यथायोग्य है। साथी ही साथ जो तस्वीरें आपने दि है वे भी निबन्ध को एक दम यथायोग्य है। मैं यह कहना चाहती हुँ कि समस्त रूप से आपने एक विशिष्ट काम निभाया है, धन्यवाद। मनवी शाह।