Virti Bharwani
नाम विरती भारवानी
जन्मनाम विरती भारवानी
लिंग स्त्री
जन्म तिथि १५ जून, १९९६
जन्म स्थान कोलकाता, पश्चिम बंगाल
निवास स्थान बेंगलुरू
नागरिकता भारतीय
जातियता भारतीय
शिक्षा तथा पेशा
पेशा छात्रः
शिक्षा बि.कोम्(होनोर्स्)
विश्वविद्यालय क्राइस्ट विश्वविद्यालय, बेंगलुरू
उच्च माध्यामिक विद्यालय मार्डन हाई स्कूल फार गर्ल्स, कोलकाता
शौक, पसंद, और आस्था
शौक नृत्य, संगीत और पढने का शौक
धर्म हिन्दू
राजनीती स्वतंत्र
चलचित्र तथा प्रस्तुति मनोरंज के लिये (हिन्दि- ज़िन्दगी ना मिलेगी दोबारा)
रुचियाँ

शतरंज, घुडसवारी, कविता लेखन

सम्पर्क विवरण
ईमेल virti.bharwani@commerce.christuniversity.in
फेसबुक Virti Bharwani

मेरा नाम विरती भारवानी है। मैं उन्नीस वर्ष की हूँ। मुझे घर में सब प्यार से पुटु कहकर पुकारते है। मैं अपने परिवार में सबसे छोटी हूँ और अपनी माँ की एक लौती बेटी हूँ। इस कारण मैं सबकी लाडली हूँ।

जन्म संपादित करें

मेरा जन्म पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुआ था। इस शहर का इतिहास प्राचीन है। महलों के इस शहर को 'सिटी आफ़ जाय' भी कहते है। विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। कोलकाता के खान-पान के मुख्य घटक हैं चावल और माछेर झोल, और संग में डेज़र्ट के रूप में रौसोगुल्ला और मिष्टि दोई।

शिक्षा संपादित करें

मैने अपनी दसवीं और बारवीं कक्षा मार्डन हाई स्कूल फार गर्ल्स से पास की है। यह विद्यालय कोलकाता का सबसे अच्छा विद्यालय है। मैने यहाँ अपनी ज़िन्दगी के चौदह वर्ष बिताए हैं और यहाँ से बहुत कुछ सीखा है। आपनी दसवी कक्षा मे 93.6% प्राप्त कर मैं अपनी कक्षा में अव्वल आई थी। हिन्दी में 96% प्राप्त करने के कारण मुझे 'सन्मार्ग' समाचार पत्र द्वारा पुरस्कृत किया गया था। बारवीं में 95.75% लाकर मैने 'बेस्ट स्टूडिन्ट' का अवार्ड भी जीता।

शौक और पसंद संपादित करें

बचपन से लेकर आज तक मेरे शौक बदलते रहे है। जब मैं छोटी थी, तब मुझे रंग-बिरंगे गुब्बारों का बहुत शौक था। फिर मेरी रुचि शतरंज के खेल में हुई। मैने घुड़सवारी भी सीखी है। मुझे सम्कालीन नृत्य करना बहुत पसंद है। पाँच सालों तक मैने सम्कालीन नृत्य सीखा तथा उस क्षेत्र में कई पुरस्कार भी प्राप्त किये। इसके अलावा मुझे कविता और निबंध लिखने का भी शौक है।

ज़िन्दगी की सच्चाई संपादित करें

मेरी ज़िन्दगी की एक गहरी सच्चाई यह है कि मेरे पिता नही है। जब मैं दस महीने की थी, तब मेरी माँ और पिता के बीच तलाक हो गया था। मेरी माँ ने अपनी पूरी ज़िन्दगी मेरी देखभाल में लगा दी और मुझे एक भी बार यह महसूस नही होने दिया कि मेरे पिता नही है। उन्होंने हमेशा मेरी पिता की कमि पूरी की है। आज मुझे यह एहसास हुआ है कि अब मेरी बारी है कि मैं अपनी माँ की ज़िम्मेदारी उठाऊँ। मैं अपनी ज़िन्दगी में कुछ बनकर दिखाना चाहती हूँ और अपनी माँ के चहरे पर वह मुस्कान सदैव देखना चाहती हूँ।

एक नया मोड संपादित करें

मेरी ज़िन्दगी में एक नया मोड तब आया जब मुझे पता चला कि मैं क्राईस्ट विश्वविद्यालय में दाखिल हो चुकी हूँ। इतने अच्छे विश्वविद्यालय में दाखिल होने का अवसर बहुत ही कम लोगों को मिलता है और उस समय मैं अपने आप को धन्य मान रही थी। एक तरफ़ खुशी का मौका तो था ही परन्तु दूसरी तरफ़ था एक अनभिज्ञ डर। डर कि मैं एक नए शहर में अकेले किस प्रकार रह पाऊँगी? किस प्रकार मैं अपने परिवार से दूर रह पाऊँगी? परन्तु उस समय मेरी माँ ने मुझे प्रोत्साहित किया तथा मेरे अन्दर आत्मविश्वास जगाया।

बेंगलुरू आकर मुझे पहले दिन तो ऐसा लगा जैसे मैं तालाब के बाहर एक मछली हूँ। परन्तु धीरे-धीरे मैने सब कुछ अपने आप करना सीखा, नए दोस्त बनाए, नए चीज़ों तथा विषयों से परिचित हुई और अब मुझ में इतनी हिम्मत तो आ गई है कि मैं किसी भी मुसीबत का डटकर सामना कर सकूँ।

जीवन दर्शन संपादित करें

मैं यह मानती हूँ कि जीवन एक बुलबुले की तरह क्षणभंगुर होता है। मनुष्य के जीवन राह में जो परिस्थितियाँ आते हैं, उनसे मनुष्य को भयभीत नहीं होना चाहिए बल्कि उन्हें अपनी खुली बाहों से अपनाकर अपने लक्ष्य की तरफ़ चलना चाहिए। इसी तरह हम अपने जीवन में कामयाबी प्राप्त कर सकते है तथा अपने जीवन को सार्थक बना सकते है।

अंत में मैं भगवान की ओर अपनी कृतज्ञता व्यक्त करना चाहती हूँ कि उन्होंने मुझे इतनी खूबसूरत ज़िन्दगी दी है। साथ ही साथ मै अपनी माँ की ओर कृतज्ञता व्यक्त करना चाहती हूँ क्योंकि वे ज़िन्दगी के हर समय पर मेरी सहायता करतीं हैं तथा मुझे प्रेरणा देतीं हैं।