मेरा नाम विशाल भद्री है। मै बेंगलुरु, भारत में रहने वाला हूँ। मै क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु में बी ए सी ई पी की कक्षा में पढ़ाई कर रहा हूँ। मै पहले सेमेस्टर में हूँ। मै अपने पृष्ठभूमि, रुचियाँ, उपलब्धियाँ और अपने लक्ष्यों से आपका परिचय कराना चाहता हूँ।


पृष्ठभूमि

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मेरा जन्म महाराष्ट्र राज्य की मुंबई नमक शहर में हुआ था। मैं १० साल तक मुंबई में रहता था और तीसरी कक्षा के बाद में बेंगलुरु अपने परिवार के साथ चला आया। मैने अपने जीवन में बहुत सारी जगहें देखी हैं और मै बहुत सारी जगहों में रह चुका हूँ। मैने चार साल केरल के तिरुवनंतपुरम में भी बिताए हैं। २०१५ में मै बेंगलुरु वापस आ गया और अभी भी यहीं रहता हूँ।

मेरे पापा का नाम एल बद्री है। वह केनरा बैंक में महाप्रबंधक हैं। वे वहां पर करीब ४० साल से काम कर रहे हैं। मेरी माँ का नाम जे आर रमा है। उन्होने अपनी शिक्षा ए आर रहमान स्कूल ऑफ म्यूज़िक में की थी। वहाँ उन्होने वीणा सीखा और सितार भी सीखा था। मेरे मम्मी और पिता का एक लौता पुत्र हूँ। मेरे कोई भाइ-बहन नहीं हैं। इस परिवार में यही सीखाया जाता है कि सबका आदर करना चाहिए और किसि को भी चोट नही पहुँचाना चाहिए।

मैने अपनी प्रारंबिक शिक्षा शिशु विकास में की थी। इसके बाद मुंबई, बेंगलुरु और तिरुवनंतपुरम में मैने अपनी शिक्षा केन्द्रीय विद्यालय में की थी। यहाँ पर मैने दस्वी तक पढ़ाई की थी। ग्यारहवाँ और बारहवी कक्षा मैने जैन कॉलेज जयनगर में की थी। अब मै क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में बी ए सी ई पी की कक्षा में पढ़ाई कर रहा हूँ। यह विश्वविद्यालय भारत में अग्रणी संस्थानों में से एक है और आमतौर पर सबसे शैक्षिक है।

मै जीवन के हर पहेली और हर मुश्किल का पूरे मन के साथ और पूरे जोश के साथ सामना करता हूँ। मुझे खाना और क्रिकेट खेलना बहुत पसन्द है। मेरी रुची नई चज़ें और ग्यान प्राप्त करने के दिशा में है। यह ग्यान सिर्फ एक ही क्षेत्र में नहीं है परन्तु हर क्षेत्र में है। मुझे सोना भी बहुत अच्छा लगता है और मै पत्थर भी इख्ट्टा करता हूँ।

मैने अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध और राजनीति विज्ञान में एम ए करने का निर्नय लिया है। मेरी यह मनोकामना है कि मै भारत को युनाइटेड नेश्न्स में प्रतिनिधित्व करना चाहता हूँ। मै दुनिया के हर मुश्किल से गुज़रने वाले व्यक्ति की मदद करना चाहता हूँ ताकि वे भी अपने जीवन में थोड़ा खुशी प्राप्त कर सकें। यह सिर्फ मेरा ही नही, मेरे माता- पिता का भी सपना है।

उपलब्धियाँ

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मैने जीवन में कैई अलग-अलग लक्ष्यों को हासिल किया है। मेरे उपलब्धियों में से कुछ मुझे अधिक संतुष्टि देती है। सबसे बडी संतुष्ट प्र्दान करने वाली उपलब्धियाँ हैं: १) अ स्तर जर्मन परीक्षा पास किया। २) उ-१६ और उ-१९ क्रिकेट केरल राज्य और राष्तट्रिय मंच पर खेला है। ३) पाठशाला में ३ साल लगातार बहस प्रतिस्पर्धा जीती है। ४) के्रल राज्य बैडमिटन खेला था।