Yashtiwari786
नाम | यष तिवारि |
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जन्मनाम | यष तिवारि |
लिंग | पुरुषः |
जन्म तिथि | १८ जनवरि १९९८ |
जन्म स्थान | कटक, ऑडिशा |
देश | साँचा:Country data भारतः |
नागरिकता | भारतीयः |
जातियता | भारतीयः |
शिक्षा तथा पेशा | |
पेशा | छात्रः |
शिक्षा | बि.कोम्(होनोर्स्) |
विश्वविद्यालय | क्राइस्ट वर्श्विद्यालये, बेंगलुरू |
उच्च माध्यामिक विद्यालय | डी ऍ वि पब्लिक |
शौक, पसंद, और आस्था | |
शौक | संगीत श्रवणम्, पुस्तक पठनम् |
धर्म | हिन्धु |
राजनीती | स्वतंत्र |
चलचित्र तथा प्रस्तुति | मनोरंजनाय (तेलुगु-खलेज, बिल्ल, बाहुबलि) |
पुस्तक | बहवः (नूतनवाचन पुस्तकानि - सॅपियन्स, द ट्विस्टेड् (आंग्लम्) केएनवाइ पतंजलि साहित्य (तेलुगु)) |
सम्पर्क विवरण | |
ईमेल | yashthephilosopher@gmail.com |
फेसबुक | yash tiwari |
सुप्रभात: मेर नाम यश तिवरि है। मे मसीह विश्वविद्यालय क छात्र हुँ। मै कटक शहर क निवासि हु। मैं कटक से अपनी स्कूली शिक्षा प्रप्त कि। और इस्के बाद में बगलोर आगया आगे कि सिक्शा प्रप्त करने के लिये। मेरे जिवन मे हमेशा से देश के लिये कुछ करने क मन है। बचपन से मुझे फौजि बन्ने क बडा मन रहा है। मेरे जिवन का लक्श्य वहि है। इस सम्पादन मे कटक शहर के बारे मे वर्नन किय गया है। वो इसलिये आपने शहर को छोड्ने के बाद मुझे उस्कि बहुत याद आति है। कटक ओडिशा के राज्य में एक छोटा सा शहर है। यह इसकी अलग अलग रंगों के साथ एक बहुत ही खूबसूरत जगह है। इसे भारत के सिल्वर सिटी का शीर्षक दिया गया है। यहा चांदी के काम की भहुत सरि दुकने है। दशहरा के समय पुरा शहर चमकता है। यहा खने क तोह कोइ जवब हि नहि। सड्क् किनरे भहुत आच्छे मसालेदार पक्वान मिल्ते है। दिन के किसि भि समय यहा बहुत कुछ अच्छा खने को मिल्सक्ता है। और सब्से अच्छे हे यह के लोग। हर समय दुसरो कि मदत करने के लिये आते है। यह के लोगो मे बहुत भाइचारा है। यहाँ अपराध की दर हमारे देश के अन्य राज्यों के साथ तुलना में बहुत कम है। देश कि आज़ादि से लेकर अब तक मरे शहर मे किसि भि प्रकर के सांप्रदायिक दंगे नहिं हुए है। लोगो मे भाइचारा कुट-कुट कर भरा हुआ है। सरे धर्म के लोग एक साथ मिल जुल कर रेहते है। मेरा शहर आप्ने मे बडा निरला है। इस जगह का प्राकृतिक सौंदर्य बहुत सराहनीय है। शहर के च्रारो तरफ से नदिया भहति है। कहने को तोह येह एक तपु है पर राज्य के और शहरो से अच्छी तरह से कनेक्टेड है। कटक रज्य के रजधानि से मत्र २५ मिनट कि दुरि पर है। एस रज्य के मूल संरचना से भि जुडा रहता है। रजधानि के इतने पास होने के कारन यहा बहर के भोहुत लोग आकर बसेहुए है। आज भि राजय के सारे सरकारि दफ्तर और हाइ कोर्ट यहि है क्योकि इतिहास मे एहि ओडीशा रज्य का रजधानि था। इतनि सब सुभिदा होने के बाद भि आज भि ये बाहारि प्रभव से वनंचित है। मैं खुद को भाग्यशाली मनता जो मेर जन्म इस देश् मे हुअ है। जय हिन्द धन्यवाद