कीनिया चारण जाती का एक वंश एवं शाखा हे जिसका निवास राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश आदि राज्य हे वे ऐतिहासिक रूप से राजस्थान के निवासी हे कीनिया गौत्र मारू वंश के अंतर्गत आती है कनीदान नामक पिता के नाम से इस शाखा का नाम कीनिया हुआ।कीनिया,मारु,कोचर, देथा,सिळगा,सुल्तानिया,सौदा ये सातों शाखा एक ही वंश निकलने के कारण परस्पर भाई है।महाव कीनिया नामक एक वीर पर गीत भी मिलता है।इस वंश में कई देवियां तथा वीर हुए हे राजस्थान की लोक देवी करनी माता का जन्म इसी वंश में हुआ करनी माता का जन्म कीनिया शाखा के सुवाप गांव में विक्रम संवत् 1444 में हुआ करणी माता के पिता का नाम मेहाजी कीनिया(चारण) तथा माता का नाम देवल बाई आढी था करणी माता बीकानेर के राठौड़ शासकों की कुलदेवी भी हे वर्तमान में सुवाप गांव में करनी माता का भव्य मंदिर भी बना हुआ हे

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