AK Rai ko Shahid ka darja q nahi diya Gaya संपादित करें

राय बाबू झारखंड आंदोलन के बुनियाद के रूप में एक सामाजिक आंदोलन की शुरुआत की थी जो एक स्तर के बाद अलग राज्य के आंदोलन में सक्रिय रहा और उनके सामाजिक आंदोलन के सूत्र पकड़ लिया और झारखंड में नेतृत्व का काम राय बाबू और विनोद बाबू मिलकर किया था इमरजेंसी में एके राय, शिबू सोरेन और बिनोद बिहारी महतो, तीनों जेल में बंद हुए. शिबू सोरेन और बिनोद बिहारी महतो तो जल्दी ही जेल से निकल आये थे, लेकिन कामरेड राय पूरी इमरजेंसी जेल में रहे और जेल में रह कर ही इमरजेंसी के बाद हुए 1977 के संसदीय चुनाव में धनबाद से जीत कर पहली बार सांसद बने थे.

2401:4900:3B3E:9AF4:40FC:CCEC:AC6C:19A2 (वार्ता) 14:42, 19 जून 2023 (UTC)उत्तर दें