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बालियान खाप संपादित करें
इस खाप में 100 से भी ज्यादा गांव हैं. इस खाप का मुख्यालय सिसौली (मु.नगर) है. सौरम, हरसौली और बरवाला गांव इस खाप के प्रमुख गांव हैं. प्रसिद्ध किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत इसी खाप के सिसौली गांव के हैं. इसी खाप के गांव सौरम के चौधरी कबूल सिंह सर्वखाप पंचायत के महामंत्री हुए हैं. महान बप्पा रावल इन्हीं के पूर्वज थे. यह बालियान गोत्र के जाटों की खाप है. कर्नल टॉड ने इन्हें बलवंशी लिखा है. इस खाप का गौरवमय इतिहास है.
उत्तरप्रदेश में बालियान खाप के छोटे-बड़े लगभग 100 गांव हैं। इस खाप का सबसे बड़ा गांव सिसौली है। दूसरा प्रसिद्ध गांव शोरम है जहां सर्वखाप पंचायत का मुख्य कार्यालय पुराने समय से चला आ रहा है। इसी सर्वखाप पंचायत के सम्बन्ध में पुराने हस्तलिखित ऐतिहासिक कागजात चौ० कबूलसिंह मन्त्री (वजीर) सर्वखाप पंचायत के घर में आज भी सुरक्षित रक्खे हुए हैं। मैंने (लेखक) भी चौ० कबूलसिंह मन्त्री के घर कई दिन तक ठहर कर इनकी सहायता से इन कागजात के जाटों के विषय में आवश्यक ऐतिहासिक घटनायें लिखी हैं जिनका उल्लेख उचित स्थान पर किया जायेगा। इस बलवंश के अति प्रसिद्ध वीर योद्धा ढलैत की हरयाणा में कहावत “वह कौन सा ढलैत है”, “जैसा तू ढलैत है, सब जानते हैं”, “देख लेंगे तेरे ढलैत ने” सैंकड़ों वर्षों से प्रचलित है।
सिसौली या शिवपुरी- रघुवंशी वंश के जाटो की बालियान खाप का धावनी नगर से आकर या (भाट के ग्रन्थों के अनुसार) लाहौर (बल जनपद) से आकर सबसे पहले शिवपुरी (सिसौली) नामक यह गांव ही बसा था। जैसा की हम पहले ही लिख चुके हैं कि भाट ग्रन्थों व दयाचन्द राय भाट के अनुसार - चैत्र सुदी दशमी दिन मंगलवार सम्वत 845 वि0. (सन् 788 ई.) सर्वखाप के अनुसार - सम्वत 882 (सन् 825 ई.) में रघुवंशी जाट विजेराव के द्वारा इस शिवपुरी(सिसौली) को बसा कर बालियान खाप की स्थापना की गई थी। तत्पश्चात शिवपुरी (सिसौली) से चलकर ही रघुवंशी जाट पूर्वजों ने बालियान खाप का अपने-अपने गांव बसा कर विस्तार किया। जिसमें प्रत्येक जाति के लोगों की बराबरी थी। जो विजेराव के साथ ही आये थे वे उनके साथ ही शिवपुरी (सिसौली) में बस गये थे। विजेराव के साथ आकर सिसौली में बसने वाली जातियों के वंशज भी बालियान खाप के पूर्वजो द्वारा बसाये गये अलग-अलग गांवो में उन्ही के साथ बस गए। जिसके कारण ही बालियान खाप में निवास करने वाली ब्राह्मणो से लेकर वाल्मीकियो तक के प्रत्येक जातियों के चौधरी आज तक सिसौली में है।
सिसौली में तीन पट्टियों के नाम पर खाप चौधरियो की चौधराण पट्टी के नाम चौधराण, लायकराम की लेपराण पट्टी के नाम पर लेपराण तथा चन्र्दवीर सूरीमन की सूडियाण के नाम पर सूडियाण नामक तीन थाम्बे है। सिसौली बसने के समय के समय से ही स्थापित शिव तथा देवी मंदिर आज तक विद्यमान हैं। शिव मंदिर के पश्चिम में एक पक्का तालाब था। जो तत्कालीन शमय में तीर्थ कहलाता था। लगभग सोलहवीं शताब्दी के अन्त में इस रघुवंशी जाट वंश सिसौली में कालीसिंह व भूरीसिंह नामक दो सगे भाई हूए है। जिन्होंने अपनी 15 वर्ष से 25 वर्ष तक की आयू में शिक्षा प्राप्त कर ईश्वर भक्ति की। बाब कालीसिंह ने योग क्रियाओं व अपने तप द्वारा सिध्दि प्राप्त कर आयुर्वेद में पशुओं की जडी बूटियों का ज्ञान प्राप्त कर लिया था। जिससे उन्होंने दुर दुर तक पशुओं का निशुल्क उपचार कर प्रसिद्ध प्राप्त की थी। बाबा भूरीसिंह गोरखनाथ की योग क्रियाओं के अनुयायी थे। जिन्होने अपना जीवन ईश्वर भक्ति, तपस्या व धर्म प्रचार में बिताया था। बाबा कालीसिंह ओर बाबा भूरीसिंह के थान स्थान सिसौली में बने हुए हैं। जो पुज्य स्थल माने जाते है। बाबा कालीसिंह की मान्यता आज भी दूर दूर तक फैली हुई है। जिसके कारण ही बाबा कालीसिंह के पूज्य थान स्थान पर प्रत्येक रविवार को मेला लगता है। जिसमे दूर दूर से सभी जातियों के लोग प्रसाद चढाकर अपने पशुधन प्राप्ति की दुआ करते है
किसान नेता स्व. चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत रघुवंशी जाटो, बालियान खाप के टिकैत (चौधरी) होने के साथ-साथ भारतीय किसान यूनियन(अराजनैतीक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे। जिन्होने सिसौली में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय कार्यालय का भी निर्माण करवाया था। जो आज किसान भवन के नाम से प्रसिद्ध है। जिसमें किसानों, समाज व देश शान्ति के लिए देशी घी की ज्योत जल रही है। जिसको लगभग सन् 1986 ई. में प्रज्वलित करके ही किसान नेता स्वर्गीय चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत ने भारतीय किसान यूनियन का नेतृत्व करते हुए सर्वप्रथम किसानो का करमूखेडी(शामली) बिजलीघर पर बाजली के बढे रेट का विरोध व किसानो की अन्य समस्याओं को लेकर प्रदर्शन शुरू किया था। बालियान खाप के चौधरी दानतराय अपने समय के विद्वान महान नेता हुए हैं। जो बालाजी बाजीराव के मित्र थे। जो महाराष्ट्र मंडल के दुसरे पेशवा थे। पानीपत के प्रसिद्ध युध्द में सन् 1761 ई. में इन्होनें वादेशी आक्रमणकारी अहमदशाह अब्दली के विरूद्ध राजा भाऊ(मराठो) का साथ दिया था। इनके अतिरिक्त सिसौली में थानसिंह, नैना बानत,ढमलचन्द उर्फ ढलैत मलयोध्दा हुए है जिन्होंने अपने समय मे शूरविरता से प्रसिद्धि प्राप्त की थी। वर्तमान में स्वर्गीय चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत जी के पुत्र चौधरी नरेश टिकैत जी बालियान खाप चौधरी ओर भाकियू अध्यक्ष है।
रघुवंशी वशं/बालियान खाप (बल, बलोच, बालाण) बालियान खाप के ऐतिहासिक गांव
- 1- Sisauli(सिसौली)
- 2- Sauram(शोरम)
- 3- Bhajju(भाज्जू)
- 4- Niwada(निवादा)
- 5- Charoli(चरोली)
- 6- Jat Bhaneda (जट भनेडा)
- 7- Alawalpur Majra(अलावलपुर माजरा)
- 8- Tala (टाला और टाली)
- 9- Mundbhar(मुन्डभर)
- 10- Bhora Kalan (भौरा)(बडा)
- 11- Bhora Khurd (भौरा)(छोटा)
- 12- Jaitpur(जैतपुर)
- 13- Garhi Noabad (गढी नौआबाद)
- 14- Kapoorgarh(कपूरगढ)
- 15- Shikarpur(शिकारपुर)
- 16- Kheri Sundian (खेडी सुन्डीयान)
- 17- Mohammadpur Madan(मेहरचन्दपुर या मोहमदपुर माडन)
- 18- Saunta(सोटां)
- 19- Sautu(शाहटु या साहटु)
- 20- Halauli(हडौली)
- 21- Dhindhawali(ढिंढावली)
- 22- Sadrudin Majra(सदरुद्दीननगर या माजरा)
- 23- Nagla Mubarik(नंगला)
- 24- Mukandpur(मुकन्दपुर)
- 25- Kutba(कठकगढ या कुटबा)
- 26- Kutbi(कुटबी)
- 27- Dulhara(धौलरा या दुलहेरा)
- 28- Garhi Bahadurpur(गढी बाहदरपुर या गढी बहादुरपुर)
- 29- Kabirpur(कबीरपुर)
- 30- Khataula(खतौला)
- 31- Karwara(रजवाडा या करवाडा)
- 32- Mandi (मान्डी)
- 33- Lakadsanda(लकडसन्दा)
- 34- Pinna(पीनना)
- 35- Nagla Mubarik (छोटा नंगला या नंगला मुबारिक)
3*6- Simal(सीमला) या (सिमली)
- 37- Harsoli(हरसौली)
- 38- Kakra(काहनडा या काकडा)
- 39- Barwala(बरबाला)
- 40- Kinoni(किनौनी)
- 41- Majra Narottampur(माजरा नरोत्तमपुर)
- 42- Sannjak(सांजक)
- 43- Telupura(तेलूपुरा या तावली)
- 44- Rasulpur(फूलपुरी या रसूलपुर जाटान)
- 45- Goela(गोयला)
- 46- Kaserwa(कसेरवा)
- 47- Kilanpur(किलानपुर या कल्याणपुर)
- 48- Todada(टोडडा)
- 49- Purbaliyan(पुरबालियान)
- 50- Daulatpur Majra(दौलतपुर)
- 51- Jeevna(जीवणा)
- 52- Sialjuddi(सियालजुड्डी या शाहजुड्डी)
- 53- Oli Majra(ओल्ली माजरा)
- 54- Shahdabbar(सडब्बर या शाहडब्बर)
- 55- Madeenpur(मदीनपुर)
- 56- Mehlana(मेहलाना)
- 57- Haidarnagar Jalalpur(हैदरनगर जलालपुर)
- 58- Sahawali(साहवली या सहावली)
- 59- Lakhan(लखान)
- 60-Dhanyan(धनान या धनायन)
- 61-Baghra(बघरा कस्बा)
- 62- Shahpur(शाहपुर कस्बा)
- 63- Muzaffarnagar
बालियान खाप के ऐतिहासिक गांव संपादित करें
2401:4900:C02:3E46:9808:455F:7047:D5D (वार्ता) 18:41, 15 जून 2023 (UTC)
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