गड़रिया, एक भारतीय समुदाय है जो यदुवंशी (चंद्रवंशी) का हिस्सा है यह समुदाह नंद बाबा कृष्ण पालक पिता के बंसज माने जाते है महाभारत के समय अहीर और गड़रिया एक ही थे। ग्वाला/चरवाहा को english me शेफर्ड कहा ग्वाला को संस्कृत में अभीर कहा और अभीर को अहीर कहा। शेफर्ड का मतलब गड़रिया होता है। गड़रिया का english translation -hardsman होता hardsman के noun ग्वाला, चरवाहा, गड़रिया । अहीर को english translation me gwala नही कहा है। संस्कृत में ही अहीर को ग्वाला चरवाहा कहा हे । गोप का मतलब होता गाय चराने वाला - ग्वाला या चरवाहा !!! ग्रन्थ को संस्कृत के हिसाब से ही हिंदी अनुवाद किया गया है जिसमे अहीर को ग्वाला बताया है। गुजरात में गडरिया को गोप ग्वाला भरवाड़ कहा जाता है ।राजस्थान में घोसी ग्वाला को गड़रिया के साथ रखा है (obc list check), ओडिसा में obc list me गौड़ा ( गड़रिया) और अहीर को एक साथ रखा है, दादर और नगर हवेली में भारवाड़ (गोप) और अहीर यादव एक रखा है (obc list), गुजरात में भारवाड़ को गड़रिया के साथ रखा (obc list) | महाराष्ट्र में धनगर ग्वाला, अहीर, हटकर, रेवाड़ी, (obc list 215 number per) पहले महाराष्ट्र में धनगर, अहीर, गड़रिया अलग अलग list में थे अब सब साथ कर दिए। कर्नाटक राज्य की obc list me धनगर, कुरूबा, भरवाड़ एक साथ हे। Up,mp, Haryana, दिल्ली me यह समुदाह अलग अलग हो गया है। 1900 ईसवी अहीर और गड़रिया अलग हो गए अहीर ने यादव लगाना और गड़रिया ने पाल लगाना शुरू किया (वास्तविक में दोनो ही एक है ) । पाल क्षत्रिय वंशावली में पाल गड़रिया को नंद के वंशज बताया है। समुदाय पाल, बघेल, गायरी, कुरुवा धनगर , यदुवंशी भरवाड़ इत्यादि उपनाम भी लिखते हैं पाल साब्दिक अर्थ = गोप होता। जैन ग्रंथ में भरवाड़ (गड़रिया ) को अभीर कहा है। गड़रिया जाति में लगभग ७० से ऊपर गोत्र हैं परंपरागत रूप से, पशुपालन करना इन लोगो का मुख्य व्यवसाय रहा है ( गो पालक भारवाड़), इसलिए गड़रिया जाति क्षत्रिय वर्ण में आती है। इतिहास में गड़रिया जाति में कई महान राजाओं और शासकों का वर्णन भी भी जिनमें चंद्रगुप्त मौर्य (चंद्रगुप्त मौर्य धनगर होने का proof स्टैचू ऑफ Delhi राष्ट्रपति भवन गेट no 5 per साफ साफ शेफर्ड (गड़रिया) लिखा है गवर्मेंट बुक में गडरिया लिखा है। मल्हार राव होलकर, तुकोजीराव होलकर और अहिल्याबाई होलकर जी का नाम प्रमुख है। गोप गड़रिया के वंश बघेल वंश, पाल - संगम वंश, होलकर वंश, मौर्या वंश, पल्लव वंश, करौली रियासत (राजस्थान) यदुवंशी गड़रिया थे ।। करौली वंश, रियासत कृष्ण बंसक माने

जाते, Google search kar पता कर सकते 100% सत्य अंकित हैं। जय श्री कृष्ण भगवान चंद्रवशी हे हम अहीर गड़रिया करोली रियासत का अच्छे से अध्ययन करो बो यदुवंशी थे जो पाल" surname लगाते थे। बंगाल का जो पाल वंश से संबंध था । करौली रियासत का राजकीय चिन्ह भेड़ गाय और शेर बना हे करोली रियासत के राजा बकरी और गाय चराते थे ।। proof पाल वंशावली में बताया गया है।