समणसुत्तं
समण सुत्तं जैन धर्म के प्रत्येक प्रमुख संप्रदाय के प्रतिनिधियों की एक समिति द्वारा 1974 में बनाया गया धार्मिक ग्रंथ है। आचार्य उमास्वामी द्वारा तत्त्वार्थ सूत्र की रचना के बाद लगभग दो हजार वर्षों के अंतराल के बाद यह सभी जैन संप्रदायों द्वारा मान्यता प्राप्त पहला ग्रंथ है। इसका संकलन परम पूज्य क्षुल्लक जिनेन्द्र "वर्णी" जी महाराज द्वारा किया गया है।[1]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Saman Suttam: il canone del jainismo, ISBN 8804491957