समुद्री बर्फ का निर्माण नमकीन महासागरीय जल से होता है, इसलिए यह -1.8 °C (सेल्सियस) (28.8 °F) पर निर्मित होती है।

मार्च से सितम्बर के मध्य आर्कटिक की बर्फ की मात्रा मे परिवर्तन

समुद्री बर्फ महासागरों में पाये जाने वाले उन हिमशैलों से अलग है जो हिमनदों का हिस्सा होते हैं और जो समुद्र में इनसे टूट कर बनते हैं। हिमशैल चूंकि संपीडित हिम से निर्मित होते हैं इसलिए यह ताजे पानी के स्रोत होते हैं।

कुछ समुद्री बर्फ स्थायी रूप से जमी रहती है जबकि इसके कुछ हिस्से मौसमी परिवर्तन के चलते पिघल जाते हैं, इसलिए नौगमन के लिए इन क्षेत्रों में इसकी जानकारी अत्यावश्यक है।