सरिय्या अबू बक्र सिद्दीक
सरिय्या हज़रत अबू बक्र सिद्दीक रज़ि० माना जाता है कि अबू बक्र सिद्दीक का नज्द तक अभियान इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने 7 हिजरी जुलाई 628 में हुआ था। हज़रत अबु बक्र ने मुहम्मद के आदेश पर नज्द में एक बड़ी पलटन का नेतृत्व किया। सुन्नी हदीस संग्रह, सुनन अबू दाऊद ने इस घटना का उल्लेख किया है [14:2632] लेकिन इस हदीस को ज़ईफ़ हदीस भी माना गया है|[1] [2]
सरिय्या अबू बक्र सिद्दीक | |||||
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मुहम्मद की सैन्य उपलब्धियाँ का भाग | |||||
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सराया और ग़ज़वात
संपादित करेंइस्लामी शब्दावली में अरबी शब्द ग़ज़वा [3] इस्लाम के पैग़ंबर के उन अभियानों को कहते हैं जिन मुहिम या लड़ाईयों में उन्होंने शरीक होकर नेतृत्व किया,इसका बहुवचन है गज़वात, जिन मुहिम में किसी सहाबा को ज़िम्मेदार बनाकर भेजा और स्वयं नेतृत्व करते रहे उन अभियानों को सरिय्या (सरियाह) या सिरया कहते हैं, इसका बहुवचन सराया है।[4] [5]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ [सुनन अबू दाऊद, 14:2632]
- ↑ "Hadith 2632 of jihad (kitab al-jihad) by sunan abu dawood". IslamicFinder (अंग्रेज़ी में).
- ↑ Ghazwa https://en.wiktionary.org/wiki/ghazwa
- ↑ siryah https://en.wiktionary.org/wiki/siryah#English
- ↑ ग़ज़वात और सराया की तफसील, पुस्तक: मर्दाने अरब, पृष्ट ६२] https://archive.org/details/mardane-arab-hindi-volume-no.-1/page/n32/mode/1up
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- Ar Raheeq Al Makhtum – The Sealed Nectar ( Biography Of The Noble Prophet)
- अर्रहीकुल मख़तूम (सीरत नबवी ), पैगंबर की जीवनी (प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित पुस्तक), हिंदी (Pdf)