सहस्रबाहु (शाब्दिक अर्थ : एक हजार बाहों वाला) नाम विष्णु, कार्तवीर्य अर्जुन तथा वाणासुर का है। इन्हें कभी-कभी 'सहस्रभुज' भी कहते हैं। इसी नाम का बलिपुत्र बाणराज भी हुआ है जिसका उल्लेख श्रीमद्भागवत में यों आया है-

बाण: पुत्रशतज्येष्ठी बलेरासीन्महात्मन:।
सहस्रबाहुर्वाद्येन ताण्डवे हतोषयन्मृडम् ॥ (श्रीमद्भागवत , स्कंध १०, अध्याय १२)

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