सह्यता विश्लेषण (Tolerance analysis) यांत्रिक भागों और उनकी असेम्बली में संचित भिन्नता के अध्ययन से संबंधित गतिविधियों के लिए सामान्य शब्द है। इसकी विधियों का उपयोग अन्य प्रकार की प्रणालियों पर किया जा सकता है, जो संचित भिन्नता के अधीन हैं, जैसे कि यांत्रिक और विद्युत प्रणालियाँ। इंजीनियर ज्यामितीय आयाम और सह्यता (जीडी एंड टी) के मूल्यांकन के उद्देश्य से सहिष्णुता का विश्लेषण करते हैं। विधियों में 2D टॉलरेंस स्टैक, 3D मोंटे कार्लो सिमुलेशन और डेटम रूपांतरण शामिल हैं।


सह्यता के विश्लेषण से यह बताया जा सकता है कि किसी वस्तु के विभिन्न भागों में कितनी सह्यता दी जानी चाहिये ताकि निर्माण में अनावश्यक चर्च न आ जाये और साथ ही यह भी सुनिश्चित हो कि वह वस्तु अपना कार्य सही ढंग से सम्पन्न करेगी और जहाँ कहीं उसे लगाया जाना है (फिट करना है) वहाँ वह ठीक से फिट होगी। उदाहरण के लिये दो नलियाँ बनानी हैं जिनमें से एक दूसरे के अन्दर ठीक से सटकर बैठे, न अधिक ढीली हो और न अधिक टाइट। इसके लिये हमें दोनों नलियों की आदर्श व्यास और मोटाई आदि देने के साथ साथ व्यास और मोटाई में सह्यता भी बतानी पड़ती है, तभी इनका सही और कम खर्चीला निर्माण हो सकता है।