साँचा:आज का आलेख १८ सितंबर २००९
नालंदा विश्वविद्यालय भारत के बिहार राज्य में पटना से ९० कि॰मी॰ दूर नालंदा शहर में स्थित एक प्राचीन विश्वविद्यालय था। देश विदेश से यहाँ विद्यार्थी अध्ययन के लिए आते थे। आज इसके केवल खंडहर देखे जा सकते हैं। नालन्दा विश्वविद्यालय के अवशेषों की खोज अलेक्जेंडर कनिंघम ने की थी। माना जाता है कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना ४५०-४७० ई. में गुप्त शासक कुमारगुप्त प्रथम ने की थी। इस विश्वविद्यालय को इसके बाद आने वाले सभी शासक वंशों का सहयोग मिला। महान सम्राट हर्षवर्द्धन और पाल शासकों का भी संरक्षण मिला। इसे केवल यहां के स्थासनीय शासक वंशों से ही नहीं वरन विदेशी शासकों से भी दान मिला था। इस विश्वविद्यालय का अस्तित्व १२वीं शताब्दी तक बना रहा। इसके ऊपर पहला आघात हुण शासक मिहिरकुल द्वारा किया गया, व ११९९ में में तुर्क आक्रमणकारी बख्तियार खिलजी ने इसको जला कर पूरी तरह समाप्त कर दिया। इस विश्वविद्यालय के बारे में माना जाता है कि यह विश्व का प्रथम आवासीय विश्वविद्यालय था। इसमें करीब १०,००० छात्र एक साथ विद्या ग्रहण करते थे। यहां २००० शिक्षक छात्रों को पढ़ाते थे। विस्तार में...