साँचा:आज का आलेख 2 दिसंबर 2009
(साँचा:आज का आलेख २ दिसंबर २००९ से अनुप्रेषित)
ब्रह्मांड का जन्म एक महाविस्फोट (बिग बैंग) के परिणामस्वरूप हुआ। इसी को बिग बैंग सिद्धान्त या महाविस्फोट का सिद्धान्त कहते हैं। जिसके अनुसार से लगभग बारह से चौदह अरब वर्ष पूर्व संपूर्ण ब्रह्मांड एक परमाण्विक इकाई के रूप में था। उस समय मानवीय समय और स्थान जैसी कोई वस्तु अस्तित्व में नहीं थी। बिग बैंग प्रतिरूप के अनुसार लगभग 13.7 अरब वर्ष पूर्वइस धमाके में अत्यधिक ऊर्जा का उत्सजर्न हुआ। यह ऊर्जा इतनी अधिक थी जिसके प्रभाव से आज तक ब्रह्मांड फैलता ही जा रहा है। सारी भौतिक मान्यताएं इस एक ही घटना से परिभाषित होती हैं जिसे बिग बैंग सिद्धांत कहा जाता है। बिग बैंग नामक इस महाविस्फोट के धमाके के मात्र 1.43 सेकेंड अंतराल के बाद समय, अंतरिक्ष की वर्तमान मान्यताएं अस्तित्व में आ चुकी थीं। भौतिकी के नियम लागू होने लग गये थे। 1.34वें सेकेंड में ब्रह्मांड 1030 गुणा फैल चुका था और क्वार्क, लैप्टान और फोटोन का गर्म द्रव्य बन चुका था। विस्तार में...