संसदों की जननी एक वाक्यांश है जो ब्रिटिश राजनेता और सुधारक जॉन ब्राइट द्वारा गढ़ा गया था, जिन्होंने इस वाक्यांश का इस्तेमाल सर्वप्रथम 18 जनवरी 1865 को बर्मिंघम में एक भाषण में किया। ऐसा इंग्लैंड के संदर्भ में कहा गया था: अगले दिन द टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार उनके वास्तविक शब्द थे: "इंग्लैंड संसदों की जननी है" (इंग्लैंड इज़ द मदर ऑफ़ परलियामेंट्स)।[1]

पूर्व ब्रिटिश साम्राज्य के कई देशों द्वारा संसदीय लोकतंत्र के वेस्टमिंस्टर प्रणाली को अपनाये जाने के कारण यह कहावत अक्सर यूनाइटेड किंगडम की संसद पर लागू होती है।[2][3][4]

वेस्टमिनिस्टर प्रणाली का वैश्विक प्रभाव संपादित करें

ब्रिटिश संसदीय प्रणाली को विश्व में संसदीय लोकतांत्रिक प्रणालियों का जननी माना जाता है, सदियों से चली रही नियमों, विधियों, संविधियों, और संधियों से निर्मित हुई इस प्रणाली ने विश्व के अनेक संसदीय लोकतांत्रिक देशों की विधायी व्यवस्था के लिए प्रेरणा रहा है। सामान्यतः "वेस्ट्मिन्स्टर प्रणाली" कहे जाने वाली यह विधायी-व्यवस्था, शासन की एक लोकतांत्रिक संसदीय प्रणाली है, जोकि सैकड़ों वर्षों के काल में, यूनाइटेड किंगडम में विकसित हुई थी। इस व्यवस्था का नाम, पैलेस ऑफ़ वेस्टमिन्स्टर से आता है। वर्तमान समय में, विश्व के अन्य कई देशों में इस प्रणाली पर आधारित या इससे प्रभावित शासन-व्यवस्थाएँ स्थापित हैं। ब्रिटेन और राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमियों और पूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों के अलावा इससे प्रभावित संसदीय प्रणाली, इजराइल और जापान जैसे गैर-ब्रिटिश शासित देशों में भी देखा जा सकता है।

वेस्टमिंस्टर प्रणाली की सरकारें, विशेष तौर पर राष्ट्रमंडल देशों में देखा जा सकता है। इसकी शुरुआत, सबसे पहले कनाडा प्रान्त में हुई थी, और तत्पश्चात ऑस्ट्रेलिया ने भी अपनी सरकार को इस ही प्रणाली के आधार पर स्थापित किया। आज के समय, विश्व भर में कुल ३३ देशों में इस प्रणाली पर आधारित या इससे प्रभावित शासन-व्यवस्थाएँ हैं।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Oxford Dictionary of Quotations, revised 4th ed, 1996, p. 141
  2. Parliament. CUP आर्काइव. 1957. पृ॰ 517. मूल से 23 जून 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 मई 2020; "UK Politics: Talking Politics The 'Mother of Parliaments'". बीबीसी टॉकिंग पॉलिटिक्स. 3 जून 1998. अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016; "Full text of Obama's speech to UK parliament". CNN. 25 मई 2011. मूल से 13 मई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016; "Britain and France Get Poor Marks in Democracy Ranking". Spiegel Online. 2 जनवरी 2011. मूल से 9 मई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016; "A Makeover for the Mother of Parliaments". The New York Times. 11 जुलाई 2015. मूल से 15 जनवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016.
  3. Seidle, F. Leslie; Docherty, David C. (2003). Reforming parliamentary democracy. McGill-Queen's University Press. पृ॰ 3. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780773525085. मूल से 23 जून 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 मई 2020.
  4. Julian Go (2007). "A Globalizing Constitutionalism?, Views from the Postcolony, 1945-2000". प्रकाशित Arjomand, Saïd Amir (संपा॰). Constitutionalism and political reconstruction. Brill. पपृ॰ 92–94. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9004151745. मूल से 6 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 मई 2020; "How the Westminster Parliamentary System was exported around the World". कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय. 2 दिसम्बर 2013. मूल से 16 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 दिसम्बर 2013.

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