साँस की दुर्गंध या मुह की दुर्गन्ध या दुर्गंधी प्रश्वसन (Halitosis / हैलिटोसिस) के रोगी के मुख से एक विशेष दुर्गन्ध (बदबू) आती है जो, सांस के साथ मिली होती है। सांसों की दुर्गन्ध ग्रसित व्यक्ति में चिन्ता का कारण बन सकती है।

साँस की दुर्गंध
वर्गीकरण एवं बाह्य साधन
आईसीडी-१० R19.6
आईसीडी- 784.99
ICD-O: मुँह
डिज़ीज़-डीबी 5603
मेडलाइन प्लस 003058

यह एक गंभीर समस्या बन सकती है किंतु कुछ साधारण उपायों से साँस की दुर्गंध को रोका जा सकता है। साँस की दुर्गंध उन बैक्टीरिया से पैदा होती है, जो मुँह में पैदा होते हैं और दुर्गंध पैदा करते हैं। नियमित रूप से ब्रश नहीं करने से मुँह और दांतों के बीच फंसा भोजन बैक्टीरिया पैदा करता है। इन बैक्टीरिया द्वारा उत्सर्जित सल्फर, यौगिक के कारण आपकी साँसों में दुर्गंध पैदा करता है। लहसुन और प्याज जैसे कुछ खाद्य पदार्थां में तीखे तेल होते हैं। इनसे साँसों की दुर्गंध पैदा होती है, क्योंकि ये तेल आपके फेफड़ों में जाते हैं और मुँह से बाहर आते हैं। साँस की दुर्गंध का एक अन्य प्रमुख कारण धूम्रपान है। साँस की दुर्गंध पर काबू पाने के बारे में अनेक धारणाएं प्रचलित हैं।

मुँह साफ कर लेने से साँस की दुर्गंध दूर होती है।

मुँह साफ करने से साँस की दुर्गंध केवल अस्थायी रूप से दूर होती है। मुँह साफ करने के लिए किसी ऐसे एंटी सेप्टिक की तलाश करें, जो दुर्गंध पैदा करनेवाले कीटाणुओं को मारता हो, दांतों की सड़न कम करता हो और वह इंडियन डेंटल एसोसिएशन (आइडीए) द्वारा मान्यता प्राप्त हो।

नियमित रूप से दांतों की सफाई करने से साँसों में दुर्गंध नहीं होती।

सच यह है कि अधिकांश लोग केवल 30 से 45 सेकेंड तक ही दांतों को ब्रश करते हैं, जो समुचित नहीं है। दांतों की सभी सतहों को समुचित रूप से साफ करने के लिए आपको हर दिन दो बार कम से कम दो मिनट तक ब्रश करना चाहिए। जीभ की सफाई भी करना याद रखें, क्योंकि बैक्टीरिया को वहां रहना पसंद है। कुल्ला करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि केवल ब्रश करने से ही आपके दांतों और मसूड़ों के बीच फंसे हानिकारक सड़न और खाने के टुकड़े दूर नहीं हो सकते।

यदि साँस की दुर्गंध की चिंता है, तो मुँह और दांतों की देखभाल का ध्यान रखें। कुछ चीनी मुक्त गम और मिंट से भी अस्थायी रूप से दुर्गंध दूर हो सकती है। यदि सही तरीके से ब्रश और कुल्ला करते हैं और नियमित सफाई के लिए दांतों के डॉक्टर से पास जाते हैं, लेकिन आपकी साँसों में दुर्गंध बरकरार है, तो कोई चिकित्सकीय समस्या, जैसे साइनसाइटिस या मसूड़ों की बीमारी हो सकती है। यदि किसी समस्या का संदेह हो, तो अपने चिकित्सक या दांतों के डॉक्टर से सलाह लें। वे तय कर सकते हैं कि आपकी साँसों की दुर्गंध के पीछे क्या कारण है और उसे दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं।

साँसों की अधिकांश दुर्गंध आपके मुँह से शुरू होती है। साँसों की दुर्गंध के कई कारण होते हैं। इनमें से कुछ कारण निम्नलिखित हैं-

  • भोजन: आपके दांतों में और इसके आसपास भोजन के टुकड़ों के टूटने से दुर्गंध पैदा हो सकती है। पतले तैलीय पदार्थ युक्त भोजन भी साँसों की दुर्गंध के कारण हो सकते हैं। प्याज और लहसुन इसके सबसे अच्छे उदाहरण हैं, लेकिन अन्य सब्जियां और मसाले भी साँसों में दुर्गंध पैदा कर सकते हैं। जब ये भोजन पचते हैं और तीखे गंध वाले तेल आपके खून में शामिल होते हैं, तो वे आपके फेफड़ों तक पहुंचते हैं और तब तक आपकी साँसों से बाहर निकलते रहते हैं, जब तक कि वह भोजन आपके शरीर से पूरी तरह खत्म न हो जाये। प्याज और लहसुन खाने के 72 घंटे बाद तक साँसों में दुर्गंध पैदा कर सकते हैं।
  • दांतों की समस्या: दांतों की खराब सफाई और दांत की बीमारियां साँसों की दुर्गंध का कारण हो सकती हैं। यदि आप हर दिन ब्रश और कुल्ला नहीं करते हैं, तो भोजन के टुकड़े आपके मुँह में रह जाते हैं। वे बैक्टीरिया पैदा करते हैं और हाइड्रोजन सल्फाइड भाप बनाते हैं। आपके दांतों पर बैक्टीरिया (सड़न) का एक रंगहीन और चिपचिपा फिल्म जमा हो जाता है।
  • मुँह सूखना: लार से आपके मुँह में नमी रहने और मुँह को साफ रखने में मदद मिलती है। सूखे मुँह में मृत कोशिकाओं का आपकी जीभ, मसूड़े और गालों के नीचे जमाव होता रहता है। ये कोशिकाएं क्षरित होकर दुर्गंध पैदा कर सकती हैं। सूखा मुँह आमतौर पर सोने के समय होता है।
  • बीमारियां: फेफड़े का गंभीर संक्रमण और फेफड़े में गांठ से साँसों में बेहद खराब दुर्गंध पैदा हो सकती है। अन्य बीमारियां, जैसे कुछ कैंसर और चयापचय की गड़बड़ी से भी साँसों में दुर्गंध पैदा हो सकती है।
  • मुँह, नाक और गला की स्थिति: साँसों की दुर्गंध का संबंध साइनस संक्रमण से भी है, क्योंकि आपके साइनस से नाक होकर बहनेवाला द्रव आपके गले में जाकर साँसों में दुर्गंध पैदा करता है।
  • तंबाकू उत्पाद: धूम्रपान से आपका मुँह सूखता है और उससे एक खराब दुर्गंध पैदा होती है। तंबाकू का सेवन करनेवालों को दांतों की बीमारी भी होती है, जो साँसों की दुर्गंध का अतिरिक्त स्रोत बनती है।
  • गंभीर डायटिंग: डायटिंग करनेवालों में खराब फलीय साँस पैदा हो सकती है। यह केटोएसीडोसिस, जो उपवास के दौरान रसायनों के टूटने से पैदा होती है, के कारण होता है।
  • मुँह और दांतों की साफ-सफाई का उच्च स्तर बनाये रखें। नियमित रूप से दातुन करें। ब्रश करने के अलावा दांतों के बीच की सफाई के लिए कुल्ला भी करते रहें।
  • जीभ साफ करने के लिए जीभी का उपयोग करें और जीभ के अंतिम छोर तक सफाई करें,
  • आपके दांतों के डॉक्टर या फार्मासिस्ट द्वारा अनुशंसित माउथवाश का उपयोग करें। इसके उपयोग का सबसे अच्छा समय सोने से ठीक पहले है,
  • समुचित मात्रा में द्रव लें। अत्यधिक कॉफी पीने से बचें,
  • दुग्ध उत्पाद, मछली और मांस खाने के बाद अपने मुँह को साफ करें,
  • जब आपका मुँह सूखने लगे, चीनी-मुक्त मुँह गम का इस्तेमाल करें,
  • ताजी और रेशेदार सब्जियां खायें,
  • नियमित रूप से अपने दांतों के डॉक्टर के पास जायें और अपने दांतों की अच्छी तरीके से सफाई करायें।
  • पानी ज्यादा से ज्यादा पिये।

घरेलू उपाय

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  • पान में पुदीना के पत्ते का इस्तेमाल करें।
  • नीबू और गरम पानी का घोल पियें।
  • तुलसी के पत्ते और जामुन के पत्ते को बराबर मात्रा में लेकर चबाए।
  • मुलेठी चूसें।
  • लौंग चूसें।
  • खाना खाने के बाद ज्यादा पानी न पिएं।
  • इलायची खाएं।
  • सौंफ खाएं।

बाहरी कड़ियाँ

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