साठा प्रथा, राजस्थान मे प्रचलित है, इसमे दो परिवार की नारी को समाज के बंन्घन मे झकडा जाता है। जिससे तंग आकर नारी आत्म हत्या भी कर लेती है। साठा प्रथा मे दो परिवार मे सहजातिय विवाह होता है। यानि की उनकी बेटी का विवाह अपने घर मे और अपनी बहन का विवाह उनके घर मे ! इसको विवाह न कह कर एक प्रकार का सौदा या साठा कहा जाता है1 साठा प्रथा मे अपनी बेटी को ससुराल मे तंग किया जाता है वैसा का वैसा उनकी बेटी को भी तंग किया जाता है। नतिजा ये कि कोई एक तलाक देती है तो दुसरी भी तीन महिने के गर्भ के साथ पिहर मे बैठ जाती है और अपने माँ बाप के साथ मिलकर भुःर्ण हत्या तक कर देती है। कभी कभी पिहर मे बैठी बेटी अपने पति के वियोग मे आत्म हत्या भी कर लेती है। साठा प्रथा मे दोनो परिवार की बेटिया रिश्तो मे ज्यादा जकडन देख कर अपना मानसिक सन्तुलन बिगाड देती है।

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