साहित्यवाचस्पति हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा हिन्दी भाषा और साहित्य की सेवा करने वालों को प्रदान की जाने वाली सम्मेलन की सर्वोच्च मानद उपाधि है जो सन ने 1938 में आरम्भ की गयी थी। यह अलंकरण अधिवेशन के अवसर पर प्रदान किया जाता है। इसे प्राप्त करने वालों में मदन मोहन मालवीय, महात्मा गाँधी, अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध', गौरीशंकर हीराचन्द ओझा, ग्रियर्सन, श्यामसुन्दर दास, महावीर प्रसाद द्विवेदी, मैथिलीशरण गुप्त, माखन लाल चतुर्वेदी, डॉ. सम्पूर्णानन्द, राहुल सांकृत्यायन, हजारी प्रसाद द्विवेदी, आदि उल्लेखनीय हैं।[1]

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