सिन्धी संस्कृति दिवस (सिंधी: سنڌي ثقافتي ڏينھن, उर्दू: سندھی ثقافتی دن) हजारों वर्ष पुरानी सिन्ध की संस्कृति को याद करते हुए उसे संरक्षित रखने के लिए मनाया जाता है। इसे 'एकता जो ड्डिहारो' भी कहते हैं। इसे पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त के लोग तथा विश्व के अन्य भागों में बसे हुए सिन्धी लोग मनाते हैं। यह दिन सिन्ध की संस्कृति को मनाने और उसे प्रदर्शित करने का दिन है। [1] इस दिन सिन्ध के सभी प्रमुख नगरों में लोग एकत्र होते हैं तथा विभिन्न प्रकार के साहित्यिक कार्यक्रम, संगीत के कार्यक्रम, संगोष्ठियाँ, व्याख्यान और रैली आदि करते हैं। यह दिवस सिन्धु घाटी की सभ्यता के गौरवगान का भी दिवस है। [2]

सिन्धी संस्क्र्ति दिवस

सिन्धी टोपी, सिन्धी संस्कृति का एक प्रमुख प्रतीक है।
अनुयायी सम्प्पूर्ण विश्व के सिन्धी, विशेष रूप से पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त के लोग
प्रकार सार्वजनिक
उद्देश्य सिन्धु घाटी की सभ्यता तथा सिन्ध की विरासत को सम्मान देने के लिए
तिथि दिसम्बर माह का पहला रविवार
आवृत्ति वार्षिक

यह दिन प्रतिवर्ष दिसम्बर माह के प्रथम रविवार को मनाया जाता है।

  1. "Cultural Activity Archives - World Sindhi Congress World Sindhi Congress". World Sindhi Congress (अंग्रेज़ी में). मूल से 21 नवंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-11-21.
  2. APP (December 4, 2016). "Sindhi Culture Day celebrated in Sindh". The News International. मूल से 6 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 December 2016.