सिस्टर निर्मला (१९३४ - २०१५ निर्मला जोशी, राँची) ने मदर टेरेसा की मृत्युपरान्त सन् १९९७ में मिशनरीज़ ऑफ चेरिटी के सुपीरिअर जनरल का पद सम्भाला। वे एक नेपाली मूल के हिंदू-ब्राह्मण परिवार में जन्मी थी। उनके पिता भारतीय सेना में अफसर थे।

पटना में ईसाई मिशनारिओं द्वारा उनकी शिक्षा दी गई। पर वे हिन्दू बने रहे अपने २४ वर्ष की आयु तक जब उन्होंने मदर टेरेसा के काम के बारे में जाना और रोमन कैथलिक धर्म अपना लिया।

सिस्टर निर्मला को राजनीतिशास्त्र में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल है तथा उन्होंने वकालत में खास प्रक्षिक्षण भी ली है। वे उस मंडली के कुछ पहले सिस्टरों में से थे जिनको विदेश में मिशन के लिए पनामा भेजा गया.

१९७६ में उन्होंने मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी के मननशील शाखा का शुरुआत किया तथा उसके प्रधान बने रहे १९९७ तक जब उन्हें चुना गया सुपीरिअर जनरल के पद को सम्भालने के लिए।

सन् २००९ में भारत सरकार द्वारा सिस्टर निर्मला को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। २५ मार्च २००९ को वे अपने पद से सेवानिवृत्त हुई और जर्मन महिला सिस्टर मैरी प्रेमा ने उनका पद सम्भाला।

२२ जून २०१५ को उनका निधन हो गया।[1]

  1. "सिस्टर निर्मला का 81 साल की उम्र में निधन, सीएम ममता बनर्जी ने जताया शोक". एनडीटीवी इंडिया. २३ जून २०१५. मूल से 23 जून 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 जून 2015.