सी॰ एन॰ आर॰ राव

भारतीय रसायनज्ञ
(सी एन आर राव से अनुप्रेषित)

चिंतामणि नागेश रामचंद्र राव (कन्नड़: ಚಿಂತಾಮಣಿ ನಾಗೇಶ ರಾಮಚಂದ್ರ ರಾವ್) जिन्हें सी॰ एन॰ आर॰ राव के नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय रसायनज्ञ हैं जिन्होंने घन-अवस्था और संरचनात्मक रसायन शास्त्र के क्षेत्र में मुख्य रूप से काम किया है। वर्तमान में वह भारत के प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार परिषद के प्रमुख के रूप में सेवा कर रहे हैं। डॉ॰ राव को दुनिया भर के 60 विश्वविद्यालयों से मानद डॉक्टरेट प्राप्त है। उन्होंने लगभग 1500 शोध पत्र और 45 वैज्ञानिक पुस्तकें लिखी हैं।

सी॰ एन॰ आर॰ राव
जन्म 30 जून 1934 (1934-06-30) (आयु 90)
बैंगलोर, मैसूर राज्य (वर्त्तमान में कर्णाटक)
आवास भारत
राष्ट्रीयता भारतीय
क्षेत्र रसायन शास्त्र
संस्थान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन
आईआईटी कानपुर
भारतीय विज्ञान संस्थान
ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सांता बारबरा
जवाहरलाल नेहरु उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केन्द्र
शिक्षा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
पर्ड्यू विश्वविद्यालय
प्रसिद्धि घन-अवस्था रसायन शास्त्र
पदार्थ विज्ञान
उल्लेखनीय सम्मान ह्युजेस मेडल (2000)
भारत विज्ञान पुरस्कार (2004)
(ऍफ़आरएस)(1984)
अब्दुस सलाम पदक (2008)
डैन डेविड पुरस्कार (2005)
लीजन ऑफ़ ऑनर (2005)
पद्म श्री
पद्म विभूषण
(2013)
भारत रत्न (2013)

वर्ष 2013 में भारत सरकार ने उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया। सी वी रमण और ए पी जे अब्दुल कलाम के बाद इस पुरस्कार से सम्मानित किये जाने वाले वे तीसरे ऐसे वैज्ञानिक हैं।

आरंभिक जीवन

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बेंगलुरू के एक कन्नड़ परिवार में जन्मे राव की माता का नाम नागम्मा नागेश राव और पिता का नाम हनुमंत नागेश राव है।[1] राव ने 1951 में मैसूर विश्वविद्यालय से स्नातक तथा दो वर्ष पश्चात काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने पर्ड्यू विश्वविद्यालय से 1958 में पीएच॰ डी॰ की उपाधि अर्जित की। मैसूर विश्वविद्यालय से ही 1961 में उन्होंने डीएस॰ सी॰ की उपाधि प्राप्त की। 1963 में राव आईआईटी कानपुर से एक संकाय सदस्य के रूप में जुड़े।[2] उन्हें कई विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त हुई है।

व्यावसायिक जीवन

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राव वर्तमान में जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केन्द्र, बेंगलुरू के मानद अध्यक्ष हैं, जिसकी स्थापना उन्होंने स्वयं १९८९ में की थी।[3] वे संबंधित संस्थान में राष्ट्रीय शोध प्रोफेसर और लीनस पाउलिंग शोध प्रोफेसर के तौर पर भी सक्रिय हैं। उन्हें जनवरी २००५ के दौरान भारत के प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार परिषद के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया, जहाँ वे १९८५-८९ के दौरान कार्य कर चुके हैं। डॉ॰ राव अंतरराष्ट्रीय पदार्थ विज्ञान केन्द्र (International Centre for Materials Science ) के निदेशक भी हैं।

पुरस्कार और सम्मान

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४ फ़रवरी २०१४ को राव को भारत के सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान भारत रत्‍न से सम्मानित किया गया।[4] इसके पूर्व उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण और पद्म श्री तथा कर्णाटक राज्य सरकार द्वारा कर्णाटक रत्न से सम्मानित किया जा चुका है। २००० में रॉयल सोसायटी द्वारा डॉ॰ राव को ह्यूज पदक (Hughes Medal) से नवाज़ा गया। २००४ में घन अवस्था रासायनिकी और पदार्थ विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा संस्थापित इण्डिया साइंस अवार्ड पाने वाले वे पहले व्यक्ति बने।[5]

डॉ॰ राव पर साहित्यिक चोरी करने और होने देने के आरोप भी लगे हैं। उन्होंने दिसंबर २०११ में 'एडवांस्ड मैटेरियल्स' (Advanced Materials)[6] नामक एक सम-परीक्षित पत्रिका (peer-reviewed journal) से, अपने शोध पत्र में किसी दूसरे वैज्ञानिकों के पाठ की पुनर्प्रस्तुति के लिए, माफी माँगी।[7] हालांकि उनके सहयोगी और पत्र के दूसरे वरिष्ठ लेखक प्रो॰ एस॰ बी॰ कृपानिधि ने इस गलती के लिए भा॰ वि॰ सं॰ के समक्ष पत्र के सह-लेखक एक पीएच॰ डी॰ छात्र को जिम्मेदार ठहराया। करुणानिधि के कथनानुसार - "ये वाक्य पत्र की भूमिका के भाग थे, जो हमारे पीएचडी छात्र द्वारा लिखा गया था, जिसका हममें से किसी ने (न तो वरिष्ठ लेखक कृपानिधि ने और न ही डॉ॰ राव ने) संज्ञान नहीं लिया।"

पीएच॰ डी॰ छात्र ने इस घटना की जिम्मेदारी ली और एक माफीनामा जारी किया।[8] बाद में राव ने पत्रिका से संबंधित शोध पत्र को वापस लेने का प्रस्ताव रखा लेकिन संपादक ने प्रकाशन को यथावत रहने दिया।[9]

  1. "Bangalorean CNR Rao to get Bharat Ratna". Times of India. 17 नवम्बर 2013. मूल से 17 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 नवंबर 2013.
  2. NNDB (2012). "C. N. R. Rao". nndb.com. Soylent Communications. मूल से 2 सितंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 नवम्बर 2013.
  3. "Professor CNR Rao profile". जवाहरलाल नेहरु उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केन्द्र. 2011. मूल से 1 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 नवम्बर 2013.
  4. "सचिन और सीएनआर राव को मिला 'भारत रत्न'". बीबीसी हिन्दी. 4 फ़रवरी 2014. मूल से 4 मार्च 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 फ़रवरी 2014.
  5. Ramasami T (2005). "India Science Award and Dan David Prize for C. N. R. Rao" (PDF). Current Science. 88 (5): 687. मूल से 3 दिसंबर 2013 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 17 नवंबर 2013.
  6. Basant Chitara, L. S. Panchakarla, S. B. Krupanidhi, C. N. R. Rao (2011). "Infrared Photodetectors Based on Reduced Graphene Oxide and Graphene Nanoribbons". Advanced Materials. 23 (45): 5419–5424. डीओआइ:10.1002/adma.201101414.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
  7. "Plagiarism cloud over CNR Rao". डेली न्यूज़ एण्ड एनालिसिस. फ़रवरी 21, 2012. मूल से 24 फ़रवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १७ नवम्बर २०१३.
  8. K.S. Jayaraman (2012). "Indian science adviser caught up in plagiarism row". Nature. डीओआइ:10.1038/nature.2012.10102.
  9. "Plagiarism row: Charges shocking,unfair,says Rao". Bennett, Coleman & Co. Ltd. फ़रवरी 23, 2012. मूल से 2 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १७ नवम्बर २०१३.

बाहरी कड़ियाँ

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