सुकेत भारत में अंग्रेजी राज के समय एक रियासत थी, जिसकी राजधानी पांगणा (सुरही इलाके में ) में थी। तब यह रियासत "पंजाब हिल स्टेट्स" का हिस्सा थी। १९५८ में सुकेत के तत्कालीन राजा लक्ष्मण सेन ने "इंस्ट्रूमेंट ऑफ अक्सीशन" पर हस्ताक्षर किया, जिसके बाद सुकेत भारत का हिस्सा बन गया। सुकेत और मण्डी रियासत को मिलाकर मण्डी जिले का गठन किया गया, जो वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में है। इसकी स्थापना १२४१ मे वीरसेन ने की थी |

सुकेत के राजा संपादित करें

  • १६६३ - १७२१ जीत सेन (मृत्यु १७२१)
  • १७२१ - १७४८ गरुड़ सेन (१६९३ - १७४८)
  • १७४८ - १७६२ भीकम सेन (मृत्यु १७६२) (अफ़ग़ान आक्रमण)
  • १७६२ - १७९१ रंजीत सेन (मृत्यु १७९१)
  • १७९१ - १८३८ बिक्रम सेन द्वितीय (मृत्यु १८३८)
  • १८३८ - १८७६ उग्र सेन द्वितीय (मृत्यु १८७६)
  • १८७६ - अप्रैल १८७८ रुद्र सेन (१८२८ - १८८६)
  • १८७८ - १८७९ अरिमर्दन सेन (१८६३ - १८७९)
  • २९ मार्च १८७९ - २७ मई १९०८ दश्त निकंदन सेन (१८६५ - १९०८)
  • २९ मार्च १८७९ - १८८४ मुंशी हरदयाल सिंह
  • २७ मई १९०८ - १२ अक्टूबर १९१९ सर भीम सेन (१८८५ - १९१९)
  • १३ अक्टूबर १९१९ - १५ अगस्त १९५७ लक्ष्मण सेन (१८९५ - १९७०)

संदर्भ संपादित करें

  • B. R. Beotra, ed. Gazetteer of the Suket State. (1927)