सुपर डीलक्स (फ़िल्म)
सुपर डीलक्स (சூப்பர் டீலக்ஸ்) सन् 2019 की तमिल भाषा की भारतीय फ़िल्म है।[2] इसके निर्देशक त्यागराजन कुमारराजा हैं। फ़िल्म में विजय सेतुपति, फहाद फासिल, सामंथा रुथ प्रभु, रम्या कृष्णन, गायत्री और मिस्किन मुख्य भूमिकाओं में हैं। फ़िल्म की कहानी अलग-अलग व्यक्तियों के चार समूहों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो खुद को सबसे अप्रत्याशित परिस्थितियों में पाते हैं।
सुपर डीलक्स | |
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निर्देशक | त्यागराजन कुमारराजा |
लेखक |
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निर्माता |
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अभिनेता |
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छायाकार |
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संपादक | सत्यराज नटराजन |
संगीतकार | युवान शंकर राजा |
प्रदर्शन तिथियाँ |
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लम्बाई |
176 मिनट[1] |
देश | भारत |
भाषा | तमिल |
सुपर डीलक्स 28 मार्च 2019 को उत्तरी अमेरिकी प्रीमियर के बाद, 29 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई। फ़िल्म को समीक्षकों से अत्यधिक सकारात्मक समीक्षाएँ मिलीं, जिसमें कुमारराजा के निर्देशन, कहानी, छायांकन और कलाकारों के प्रदर्शन (विशेष रूप से विजय सेतुपति, फहाद फासिल और अश्वनाथ अशोककुमार) की प्रशंसा की गई। फ़िल्म ने 67वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों में विजय सेतुपति के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार जीता था।[3]
पटकथ
संपादित करेंशिल्पा की कहानी
संपादित करेंज्योति और उसका बेटा रासुकुट्टी, मनिकम (रासुकुट्टी का पिता) की वापसी का इंतज़ार कर रहे हैं, जिसने सात साल पहले परिवार को छोड़ दिया था। उन्हें आश्चर्य होता है कि मनिकम मुंबई से एक ट्रांसजेंडर महिला शिल्पा के रूप में आता है। रासुकुट्टी शिल्पा को स्कूल में अपने दोस्तों से मिलवाना चाहता है। रास्ते में एक पुलिसवाला शिल्पा को हिरासत में ले लेता है और उसे बर्लिन नामक एक भ्रष्ट पुलिस अधिकारी के साथ संबंध बनाने के लिए मजबूर करता है। शिल्पा को अपने बेटे के स्कूल में लोगों से और अधिक उत्पीड़न और अपमान का सामना करना पड़ता है।
टीवी की कहानी
संपादित करेंपांच किशोर (गाजी, सूरी, मोहन, वसंत और थुयावन) स्कूल छोड़कर थुयावन के घर पर एडल्ट फ़िल्म देखने के लिए इकट्ठा होते हैं, लेकिन उन्हें पता चलता है कि फ़िल्म में एडल्ट स्टार सूरी की मां लीला है। सूरी गुस्से में टीवी तोड़ देता है और रोते हुए भाग जाता है। थुयावन को डर है कि उसके पिता को टूटे हुए टीवी के बारे में पता चल जाएगा, इसलिए वह शाम तक एक नया टीवी खरीदने के लिए गाजी और वसंत से पैसे मांगता है।
लीला की कहानी
संपादित करेंघर पहुँचकर क्रोधित सूरी लीला को मारने के इरादे से उसकी ओर एक पेंचकस लेकर दौड़ता है। वह लड़खड़ाकर सीढ़ियों पर गिर जाता है और अनजाने में अपने पेट में पेंचकस घोंप लेता है। व्याकुल लीला उसे अस्पताल ले जाती है और उसके पिता अर्पुथम (जिसे पहले धनसेकरन के नाम से जाना जाता था) को दुर्घटना के बारे में बताती है।
वैम्बू और मुगिल की कहानी
संपादित करेंवैम्बू अपने पति मुगिल की अनुपस्थिति में अपने पूर्व प्रेमी के साथ सोती है, लेकिन इस दौरान उसका पूर्व प्रेमी अचानक मर जाता है। मुगिल घर लौटता है और यह पता चलने के बावजूद की उसकी पत्नी उसे धोखा दे रही थी, वह उसे सामाजिक कलंक से बचाने के लिए शव को ठिकाने लगाने का फैसला करता है।
कलाकार
संपादित करें- विजय सेतुपति – शिल्पा उर्फ मणिकम
- फहाद फासिल – मुगिल
- सामंथा रुथ प्रभु – वैम्बू (मुगिल की पत्नी)
- रम्या कृष्णन – लीला
- मिस्किन – अर्पुथम उर्फ धनसेकरन (लीला के पति)
- गायत्री – ज्योति (मणिकम की पत्नी)
- अश्वनाथ अशोककुमार – रसुकुट्टी, शिल्पा और ज्योति के बेटे
- भगवती पेरुमल – सब-इंस्पेक्टर बर्लिन
- नवीन – सूरी, (लीला और अर्पुथम के बेटे)
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Super Deluxe". British Board of Film Classification. मूल से पुरालेखित 3 अगस्त 2021. अभिगमन तिथि 13 जुलाई 2024.सीएस1 रखरखाव: BOT: original-url status unknown (link)
- ↑ एस, श्रीवत्सन. "'Super Deluxe' review: an unusual film with an assortment of quirky characters". द हिंदू. अभिगमन तिथि 13 जुलाई 2024.
- ↑ के, जननी. "Vijay Sethupathi thanks Thiagarajan Kumararaja for his National Award. Samantha reacts". इंडिया टुडे. मूल से 24 मार्च 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 जुलाई 2024.