सुपौल (Supaul) भारत के बिहार राज्य के सुपौल ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। सुपौल जिला कोशी प्रमंडल के अन्तर्गत आता है जोकि बिहार के नौ प्रमंडलों में से एक है।[1][2]

सुपौल
Supaul
सुपौल is located in बिहार
सुपौल
सुपौल
बिहार में स्थिति
निर्देशांक: 26°07′34″N 86°36′18″E / 26.126°N 86.605°E / 26.126; 86.605निर्देशांक: 26°07′34″N 86°36′18″E / 26.126°N 86.605°E / 26.126; 86.605
देश भारत
प्रान्तबिहार
ज़िलासुपौल ज़िला
शासन
 • प्रणालीनगरपालिका परिषद
 • सभासुपौल नगरपालिका परिषद
ऊँचाई34 मी (112 फीट)
जनसंख्या (2011)
 • कुल65,437
भाषा
 • प्रचलितहिन्दी, मैथिली
समय मण्डलभामस (यूटीसी+5:30)
पिनकोड852131
दूरभाष कोड06473
वाहन पंजीकरणBR-50

सुपौल ज़िले के छातापुर प्रखंड के राजेश्वरी गांव में माता राज-राजेश्वरी का मंदिर है! कहा जाता है कि जब कोसी नदी अपने उग्र रूप में थी, तो उसने मंदिर के सामने पहुंचकर अपनी दिशा बदलनी पड़ी थी बुज़ुर्गों के मुताबिक, आज भी उसका प्रमाण देखा जा सकता है.

सुपौल जिला वर्तमान सहरसा जिले से 14 मार्च 1991 में विभाजित होकर अस्तित्व में आया। सहरसा फारबिसगंज रेलखंड पर सुपौल जिला स्थित है। सांस्कृतिक रूप से यह काफी समृद्ध जिला है। नेपाल से करीब होने के कारण यह सामरिक रूप से काफी महत्त्वपूर्ण है। क्षेत्रफल के अनुसार यह कोशी प्रमंडल का सबसे बड़ा जिला है। बीरपुर, त्रिवेणीगंज, निर्मली और सुपौल इसके अनुमंडल हैं। पर्यटन स्थलों में सुपौल के समीप सुखपुर में तिल्हेश्वरनाथ महादेव मंदिर हरदी मे वन दुर्गा, संत मनु बाबा मंदिर, गणपतगंज का विष्णु मंदिर, धरहरा का भीमशंकर महादेव मंदिर, वीरपुर में कोसी बाँध, ललितेश्वरनाथ मंदिर(बलुआ बाजार), अनंतविष्णु मंदिर(नाथपट्टी-तुलसीपट्टी), हुलास का दुर्गा महादेव मंदिर, तिनटोलिया का दुर्गा स्थान, पिपरा प्रखण्ड के महेशपुर गाँव स्थित संतो बाबा, प्रतापगंज दुर्गा स्थान आदि

रणधीर प्रसाद वर्मा भारतीय पुलिस अफसर थे जिनका धनबाद में एक बैंक डकैती को रोकते समय निधन हो गया था। उन्हें वीरता के लिए मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। भारत सरकार ने उनके सम्मान में सन् २००४ में स्मारक डाक टिकट भी जारी किया था।[1]

उनका जन्म बिहार के सुपौल जिले (पूर्व सहरसा जिला) के जगतपुर नामक गाँव में हुआ। उनकी शिक्षा सेंट जॉन हाई स्कूल तथा पटना कॉलेज में हुई। वो १९७४ में भारतीय पुलिस सेवा से जुड़े। पुलिस अफसर के रूप में उन्होंने विभिन्न आपराधिक गिरोहों का सफाया किया।

  1. "Bihar Tourism: Retrospect and Prospect Archived 2017-01-18 at the वेबैक मशीन," Udai Prakash Sinha and Swargesh Kumar, Concept Publishing Company, 2012, ISBN 9788180697999
  2. "Revenue Administration in India: A Case Study of Bihar," G. P. Singh, Mittal Publications, 1993, ISBN 9788170993810