सुवर्णभूमि
सुवर्णभूमि (पालि : 'सुवण्णभूमि' ; शाब्दिक अर्थ -'स्वर्ण की भूमि') अनेकों प्राचीन भारतीय साहित्यिक स्रोतों में तथा बौद्ध ग्रन्थों में प्रयुक्त शब्द है। उदाहरण के लिए यह शब्द महावंस, कुछ जातक कथाओं, मिलिन्द मान्ह तथा रामायण में आया है।
दक्षिणपूर्व एशिया के अनेक क्षेत्रों (देशों) को स्वर्नभूमि कहा जाता था। यह एक भ्रान्त धारणा है कि अशोक के शिलालेखों में 'सुवर्णभूमि' का उल्लेख है। सुवर्णभूमि , किस क्षेत्र को कहते थे, इस पर बहुत अधिक मतभेद है। विद्वानों ने मुख्यतः दो क्षेत्रों की पहचान की है जिन्हें सम्भवतः 'सुवर्णभूमि' कहा जाता था। ये हैं- द्वीपीय दक्षिण-पूर्वी एशिया तथा दक्षिण भारत।