सैयद फ़िरोज़ुल हसन चिश्ती

पीरज़ादा सैयद फ़िरोज़ुल हसन चिश्ती (Peerzada Syed Firozul Hasan Chishty, پیرزاده سید فیروز الحسن چشتی ) का जन्म विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख़्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के परिवार में हुआ यह ख़्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के वंश में 23 वीं पीढी में आते हैं, पीरज़ादा सैयद फिरोजुल हसन चिश्ती पुत्र श्री सैयद अलाउद्दीन अलीमी पुत्र श्री शैख़ उल मशायख़ दीवान सैयद इल्मुद्दीन[1] साहब द्वितीय वंशज व सज्जदानाशीन[2] (उत्तराधिकारी) हज़रत ख़्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह इस्लाम के अंतिम पैगम्बर हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैह वसल्लम की पुत्री हज़रत फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा और हज़रत अली इब्न अबी तालिब की सन्तान हैं।[3][4] इतिहास में स्नातक और विधि विषय में स्नातकोत्तर तक शिक्षा प्राप्त करी, प्राचीन पुस्तक मुनिस उल अरवाह का हिन्दी अनुवाद तथा अजमेर के दबे छुपे इतिहास पर "अजमेर का अनकहा इतिहास" नामक पुस्तक लिखी।[5][6]

जन्म, शिक्षा,योग्यता व कार्य

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  • जन्म 3 नवम्बर 1988 स्थान अजमेर
  • वर्ष 2006 उच्च माध्यमिक परीक्षा जीव विज्ञान
  • वर्ष 2009 में इतिहास ऑनर्स में स्नातक
  • वर्ष 2012 में विधि स्नातक
  • वर्ष 2012 में अधिवक्ता राजस्थान उच्च न्यायालय
  • वर्ष 2012 में ओथ कमिश्नर अजमेर
  • वर्ष 2014 में विधि स्नातकोत्तर
  • वर्ष 2021 में अजमेर के इतिहास पर पुस्तक प्रकाशित
  • वर्ष 2022 में शहज़ादी जहाँआरा द्वारा लिखित पुस्तक का हिन्दी अनुवाद प्रकशित
  1. P. M., Currie (1989). The Shrine And Cult Of Mu'in al- din Chishti of Ajmer (2006 संस्करण). Oxford University Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780195683295.
  2. Begg, W.D. (1979). दी होली बाईग्राफ़ी ऑफ़ मोईनुद्दीन चिश्ती. East-West Publications (U.K.) Ltd. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780856920288.
  3. रहमतुल्लाह अलैह, हाजी नजमुद्दीन (1860). मुनाक़िबुल हबीब (फ़ारसी). फतहपुर शेखावाटी: हाजी नजमुद्दीन रहमतुल्लाह अलैह.
  4. जहाँआरा बेगम, शहज़ादी (1641). मुनिस उल अरवाह (फ़ारसी). शहज़ादी जहाँआरा बेगम.
  5. जहाँआरा बेगम, शहज़ादी (2022). मुनिस उल अरवाह (हिन्दी). अजमेर: अहले बैअत पब्लिकेशन. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9798888335123.
  6. चिश्ती, पीरज़ादा सैयद फ़िरोज़ुल हसन (2021). अजमेर का अनकहा इतिहास. अजमेर: अहले बैअत पब्लिकेशन. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781639573288.