सैयद सिब्ते रज़ी
सैयद सिब्ते रज़ी (अंग्रेजी: Syed Sibtey Razi, जन्म:7 मार्च 1939 रायबरेली, उत्तर प्रदेश) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के एक राजनयिक हैं। वे राज्य सभा के तीन बार सदस्य रहे। बाद में उन्हें झारखंड और असम का राज्यपाल भी बनाया गया।
सैयद सिब्ते रज़ी |
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प्रारम्भिक जीवन
संपादित करेंसिब्ते रज़ी का जन्म उत्तर प्रदेश के जनपद रायबरेली में 7 मार्च 1939 को हुआ। उनकी माँ का नाम रज़िया बेगम और बाप का नाम सैयद विरासत हुसैन था। उन्होंने हुसेनाबाद हायर सेकेण्डरी स्कूल से दसवीं करने के बाद एक शिया कॉलेज में प्रवेश लिया। वहाँ वे छात्र नेता बन गये। पढाई के साथ-साथ जेबखर्च निकालने के लिये वे दो-दो होटलों के एकाउण्ट्स भी देखते थे। बाद में उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से बी०कॉम० किया।
राजनीतिक जीवन
संपादित करेंसिब्ते रज़ी ने 1969 में यू०पी० की यूथ कांग्रेस ज्वाइन कर ली और 1971 में वे इसके अध्यक्ष बना दिये गये। 1973 तक वे यूथ काँग्रेस के अध्यक्ष रहे। 1980 से 1985 तक राज्य सभा सदस्य के अतिरिक्त 1980 से 1984 तक उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव भी रहे। उन्हें कांग्रेस पार्टी द्वारा दूसरी बार 1988 से 1992 तक तथा तीसरी बार 1992 से 1998 तक राज्य सभा का सदस्य बनाया गया।
विवादास्पद राज्यपाल
संपादित करेंमार्च 2005 में, जब वे झारखंड के राज्यपाल थे, उन्होंने सरकार में एनडीए के सदस्यों की संख्या को नज़र अन्दाज़ करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के शिबू सोरेन को सरकार बनाने का न्योता देकर विवादास्पद भूमिका निभायी। इसकी शिकायत मिलते ही तत्कालीन राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने हस्तक्षेप किया और सिब्ते रज़ी (राज्यपाल) के निर्णय को उलटते हुए एनडीए के अर्जुन मुंडा को 13 मार्च 2005 को उन्हीं राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी।