स्वातंत्र्य कोटि
किसी निकाय के स्वातंत्र्य कोटि (degrees of freedom) से आशय उस तन्त्र में उपस्थित प्राचलों (पैरामीटर्स) की संख्या से है जो परस्पर निर्भर न हों बल्कि स्वतन्त्र हों। उदाहरण के लिये, किसी समतल में स्थित बिन्दु यदि केवल उस समतल में चलने के लिये स्वतन्त्र है तो उसकी स्वातंत्र्य कोटि २ है।
'स्वातंत्र्य कोटि' का उपयोग कई क्षेत्रों में होता है, जो नीचे दिये गये हैं-
- (४) स्वातंत्र्य कोटि समस्या ( Degrees of freedom problem) - मोटर की गति को नियंत्रित करने की एक समस्या