हौवा (हिब्रू : חַוָּה‎, Ḥawwāh प्राचीन हिब्रू में; 'खवा' आधुनिक इजरायली हिब्रू में; अरबी में : حواء‎) अब्राहमिक धर्मों के मिथक के अनुसार प्रथम स्त्री थी जिसे ईश्वर ने बनाया। उसके पति का नाम आदम (Adam) था।

प्रचलित व्युत्पत्ति के अनुसार हौवा का अर्थ है 'सभी मनुष्यों की माता'। ईश्वर ने हौवा की सृष्टि करके आदम को उसे पत्नी स्वरूप प्रदान किया था। वह अपने पति के अधीन रहते हुए भी आदम की भाँति पूर्ण मानव है। बाइबिल में प्रतीकात्मक ढंग से शैतान द्वारा हौवा का प्रलोभन चित्रित किया गया है। उसके अनुसार शैतान साँप का रूप धारण कर ईश्वर की आज्ञा का उल्लंघन करने के लिए हौवा को प्रेरित करता है और बाद में हौवा अपने पति को भी वैसा ही करने के लिए फुसलाती है (दे. आदम, आदि पाप)। संत पाल अपने पत्रों में शिक्षा देते हैं। कि ईसा रहस्यात्मक रूप से द्वितीय आदम हैं जो प्रथम आदम का उद्धार करते हैं। इस शिक्षा के आधार पर ईसा की माता मरियम को द्वितीय हौवा माना गया है, वह ईसा के अधीन रहकर और उनके मुक्ति कार्य में सहायक बनकर प्रथम हौवा का उद्धार करती हैं।

सन्दर्भ ग्रन्थ संपादित करें

  • एनसाइक्लोपीडिक डिक्शनरी ऑव दि बाइबिल, न्यूर्या, 1963

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