भारतीय अर्थव्यवस्था की 1950 से लेकर 1980 तक निम्न वृद्धि दर को हिन्दू वृद्धि दर (अंग्रेज़ी: Hindu rate of growth) कहा जाता है।[1] इस शब्द में "हिंदू" शब्द का प्रयोग कुछ अर्थशास्त्रीों द्वारा किया गया था जिसका अर्थ यह है कि हिंदुओं का भाग्यवाद में विश्वास और किसी भी चीज से करने की प्रवृत्ति भारत की अर्थव्यवस्था की धीमी गति के लिए जिम्मेदार थी।

यह शब्द दक्षिण कोरिया के हान नदी पर चमत्कार और ताइवान की उच्च वृद्धि दर के विपरीत स्थिति को दर्शाता है। इन एशियाई टाइगर्स की 1950 के दशक में भारत के समान आय स्तर था, तब से तेज आर्थिक विकास ने आज उन्हें विकसित देशों में बदल दिया है।

यह टिप्पणी/नामकरण भारत के अर्थशास्त्री प्रो० राजकृष्णा ने एक सभा में की थी। "हिंदू वृद्धि-दर" के प्रयोग की है।[2]

  1. Redefining The Hindu Rate Of Growth Archived 2014-09-29 at the वेबैक मशीन. The Financial Express
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 17 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 अप्रैल 2017.