हिमपुंज

बर्फ का द्रव्यमान जो अपने स्वयं के वजन से संकुचित और कठोर हो जाता है।

हिमपुंज (snowpack) हिम के कई परतों के किसी स्थान पर जमा होने से बने हिम के एक बड़े भंडार को कहते हैं। यह ऐसी भौगोलिक स्थान या ऊँची जगहों पर बनते हैं जहाँ का तापमान वर्ष में बहुत दिनों के लिए शून्य से कम रहे, ताकि बार-बार हिमपात से गिरी परतें पिघलने की बजाय एक-के-ऊपर-एक जमती रहें। विश्व के कई झरने और नदियाँ इन हिमपुंजों के धीरे-धीरे पिघलने से चलती हैं इसलिए हिमपुंजो को पीने, कृषि व वन्य जीवन के लिए जल का एक महत्वपूर्ण संसाधन माना जाता है। हिमानियाँ (ग्लेशियर) भी इन्हीं हिमपुंजों से हिम पहुँचता है। पर्वतों में हिमपुंजों की बनावट और स्थिरता को हिमस्खलन (आवालांच) का ख़तरा अनुमानित करने के लिए परखा जाता है।[1][2]

अलास्का की ताकु हिमानी पर खोदकर हिमपुंच की गहराई और घनत्व का अनुमान लगाया जा रहा है

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Steven M. Cox, Kris Fulsaas Mountaineering: the freedom of the hills, Mountaineers Books, Mountaineers (Society) Edition 7, illustrated, 2003 ISBN 978-0-89886-827-2, pages 346, 347
  2. Tobias Kurzeder, Holger Feist, Powderguide: Managing Avalanche Risk, Mountain Sports Press, 978-0972482738, 190 pages