हूती आंदोलन (अरबी: الحوثيون अलहूसियून) या अंसारुल्लाह (अरबी: أنصار الله) यमन का अल्पसंख्यक शिया समुदाय है। यमन में सुन्नी जनसंख्या लगभग ६० प्रतिशत है जबकि शिया लगभग ३५ प्रतिशत हैं।

मार्च २०१५ में स्थिति ; हरा - हूसी नियंत्रित यमन

हूती स्वयं को ‘अंसार अल्लाह’ (अल्लाह के समर्थक) के नाम से प्रतिष्ठित किये हुए हैं। ये जैदी शिया समूह के हैं जो शियाओं में भी अल्पसंख्यक समूह है। इन्होंने अपने संगठन का नाम हुसैन बद्रेददीन अल हूती के नाम पर रखा है, जिसने 2004 में सरकार के खिलाफ विद्रोह किया था और उसी वर्ष सितंबर में यमनी सेना द्वारा मारा गया। अब इसका नेतृत्व अब्दुल मलिक अल-हूती के पास है, जो आंदोलन को युवाओं पर निर्भर बनाये हुए है।

सही अर्थो में हूतियों ने 2011 से क्रांति में भाग लेना शुरू किया, जब उन्होंने दावा किया था कि उनका साद और अल जॉफ नामक दो गवर्नरेट्स पर कब्जा हो गया है और तीसरे गवर्नरेट हज्जाह पर कब्जे के करीब हैं, जो उन्हें यमन की राजधानी सना पर नियंत्रण में मदद करेगी।

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