हेम कुंड
जोशीमठ से ५ किलोमीटर पर विष्णु प्रयाग है और उस से १० किलोमीटर पांडुकेश्वर; जहाँ योग बद्रेश्वर का मंदिर है| पांडुकेश्वर से ही एक रास्ता फूलों की घाटी, लोकपाल और हेमकुंड को गया है| इस तरह जोशीमठ से हेमकुंड २४ किलोमीटर दूर है| काकभुशुण्डी तीर्थ और लोकपाल सरोवर भी यहाँ आसपास दर्शनीय हैं| हेमकुंड को 'स्न्रो लेक' के नाम से भी जाना जाता है। यह समुद्र तल से 4329 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां बर्फ से ढके सात पर्वत हैं, जिसे 'हेमकुंड पर्वतमाला ' के नाम से जाना जाता है।
उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के चमोली जिले में हिमालय की बर्फीली पहाड़ियों के बीच 15,200 फुट की ऊंचाई पर सात पहाड़ियों के बीच एक बर्फीली झील किनारे स्थापित है हेमकुंड साहिब जो सिख धर्मावलम्बियों की अनन्य आस्था का केंद्र है। ऐसा माना जाता है कि गुरू गोविन्द सिंह जी, जो सिखों के दसवें गुरू थे, ने यहां कालिका माता की कठिन तपस्या की थी। श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे का उल्लेख गुरु गोविंद सिंह द्वारा लिखे गये दशम ग्रंथ में किया गया है|
पर्यटन के लिए सबसे अच्छा समय जुलाई से अक्टूबर के बीच है।