हैंड्स फ्री युक्तियाँ, ऐसे उपकरण होते हैं, जो उपभोक्ता को बिना मोबाइल फोन को हाथ में लिए बात कर पाने में सक्षम कर पाती हैं। ये युक्तियाँ, हैंडबैंड की तरह होती है, जिसमें मुंह के पास एक माइक्रोफोन लगा होता है, जिससे उपभोक्ता अपनी बात कह सकते है और कान के पास लगे दूसरे हैडबैंड से बात सुन सकते है। ये युक्तियाँ आकार, क्षमता, परास (रेंज), कनेक्शन, फोन और फीचर के अनुसार कई प्रकार की होती हैं। फोन के अनुरूप ढला होना इनका प्रमुखतम कारक होता है।[1] यही इसका मोबाइल फोन के संग प्रयोग होना या न होना निश्चित करता है। साधारण हैंड्सफ्री युक्तियों में हैंडसेट होता है, लेकिन बाजार में मिलने वाली हैंड्सफ्री युक्तियों में स्पीकर फोन लगे होते हैं।

एक सैब ९-५ कार में लगी हैंड्स फ्री मोबाइल किट

हैंड्स फ्री युक्ति की सहायता से फोन से बात करते समय अन्य काम भी कर सकते हैं। बात करते समय कंप्यूटर पर लिख सकते हैं या कागज पर अंकित भी सकते हैं।[1] खासकर गाड़ी ड्राइविंग करते समय भी हैंड्सफ्री युक्ति की सहायता से बात कर सकते हैं। ये युक्तियाँ इन्फ्रा-रेड या ब्लूटूथ द्वारा मोबाइल फोन से जुड़ी रहती हैं।

वाहन चालन के समय प्रयोग

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इंग्लैंड में हुए कुछ परीक्षणों के अनुसार गाड़ी चलाते समय हैंड्स फ्री मोबाइल फोन का प्रयोग नशे की हालत में ड्राइविंग से अधिक खतरनाक होता है। इन परीक्षणों से ज्ञात हुआ है कि इन लोगों की प्रतिक्रिया व्यक्त करने की क्षमता निर्धारित से जरा भी ज्यादा नशा करने वालों के मुकाबले ३० प्रतिशत कम होती है।[2] इंग्लैंड परिवहन शोध प्रयोगशाला, लंदन में हुए अध्ययन में चालकों को ७० मील प्रति घंटे की गति पर अचानक गाड़ी के ब्रेक लगाने का निर्देश दिया गया। वे लोग जो निर्धारित मात्रा से जरा भी ज्यादा नशे में गाड़ी चला रहे थे, उन्होंने सामान्य चालक के मुकाबले ब्रेक लगाने में १३ फीट आगे ब्रेक लगाये और उनके मुकाबले हैंड्स फ्री मोबाइल फोन पर बात कर रहे चालकों की गाड़ी ब्रेक लगने तक लगभग २६ फीट आगे निकल चुकी थी। शोधकर्ताओं के अनुसार कार में किसी भी प्रकार का वार्तालाप खत्म होने के बाद भी चालक की एकाग्रता का स्तर दस मिनट तक कमजोर बना रहता है। शोधकर्ताओं ने ब्रेन इमेजिंग परीक्षणों द्वारा देखा है, कि गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करते हुए चालक का ध्यान गाड़ी चलाने से अधिक बातें सुनने पर होता है।[3] तंत्रिकाविज्ञानी मर्केल जस्ट की टीम द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार गाड़ी चलाते समय हैंड्स-फ्री फोन का प्रयोग करने पर मानव मस्तिष्क के दो खास भागों - पैरेटल लोब और आक्किप्टल लोब - में सक्रियता का ह्रास होता है। पैरेटल लोब मस्तिष्क का वह भाग होता है जो दिशा ज्ञान कराता है, जबकि आक्किप्टल लोब की सक्रियता से दृष्टि संबंधी सूचनाएं मिलती हैं। इस प्रकार बात करते हुए दिशा संबंधी ज्ञान और देखने में बाधा पहुंचती है और यह सुरक्षा के लिये घातक हो सकता है।[4]

विश्व भर में मोबाइल फोन से कैंसर आदि होने की संभावना के बारे में चर्चाएं होती रही हैं, हालांकि ये अभी तक निश्चित या सिद्ध नहीं हुआ है। इस बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन की राय यही है, कि हैंड्स फ्री किट द्वारा मोबाइल का प्रयोग किया जाये।[5]

इन्हें भी देखें

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