ह्रूसो (Hruso) या आका (Aka) भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य में बासने वाले एक समुदाय का नाम है। वे एक तिब्बती-बर्मी भाषा बोलते हैं। इनका निवास पश्चिम सिआंग ज़िले के थ्रिज़िनो, भालुकपोंग, बुरागाँव, जमीरी, पलीज़ी और कुप्पी क्षेत्रों में है, हलांकि वे पूर्व सिआंग ज़िले के कुछ भागों में भी बसे हुए हैं।[1] इनकी जनसंख्या लगभग ३,००० है।

ह्रूसो स्त्री

ह्रूसो लोगों में चीड़ (पाइन) के सम्ख़ (रेज़िन) और कोयले की मिश्रित कालख से चहरे काले करने की प्रथा थी, जिस से इनका नाम असमिया भाषा में 'अंगका' या 'आका' पड़ गया। लेकिन इस समुदाय के सदस्य अपने आप को 'ह्रूसो' बुलना अधिक पसन्द करते हैं। हर गाँव एक मुखिया का चुनाव करता है। लोग बाँस, लकड़ी और पत्तों के बने लम्बे घरों में रहते हैं, जो ज़मीन से ६ फ़ुट ऊँचे ढांचों पर स्थित होते हैं। ह्रूसो समाज में दो वर्ग हैं - 'केवतसुम' नामक साधारण वर्ग और 'केतसुम' नामक सम्भ्रांत वर्ग। समाज पितृपक्षी है और एक पुरुष की एक से अधिक महिला से विवाह होने की प्रथा भी आम है। चचेरे व ममेरे भाई-बहनों में शादियाँ करने की अनुमति है। यह समुदाय मिजी समुदाय से सम्बन्धित है और दोनों में आपसी शादियाँ होती हैं।

इन्हें भी देखें

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  1. Encyclopaedia of North-East India, Col Ved Prakash, pp. 1083, Atlantic Publishers & Dist, 2007, ISBN 978-81-269-0705-2, ... They had a custom of smearing their faces with black resin ...