180 रेखांश (180th meridian), जो प्रतिरेखांश (antimeridian) भी कहलाता है, पृथ्वी की प्रधान मध्याह्न रेखा से पूर्व और पश्चिम दोनों दिशाओं में 180° की दूरी पर स्थित उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव तक चलने वाला रेखांश है। यह प्रधान मध्याह्न रेखा से मिलकर एक महावृत्त बनाता है, जो पृथ्वी को पूर्वी और पश्चिमी गोलार्धों (हेमिस्फ़ीयर) में विभाजित करता है। 180 रेखांश का अधिकांश भाग प्रशांत महासागर के खुले पानी से निकलता है, हालांकि इसका कुछ भाग रूस, फ़िजी और अंटार्कटिका के भूमीय क्षेत्रों से भी गुज़रता है। अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा इसी रेखांश पर आधारित है लेकिन कुछ स्थानों में भौगोलिक इकाईयों में एक ही तिथि रखने के लिए रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, किरिबाती, फ़िजी और न्यू ज़ीलैण्ड में ज़रा-बहुत 180 रेखांश से हटाकर खींची जाती है।[1][2]

पृथ्वी के मानचित्र पर 180 रेखांश

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Cornell's Physical Geography," Sarah S. Cornell, D. Appleton and Company, 1873
  2. "Atlas of the World," Oxford University Press, 2018, ISBN 9780190913038