1919 का आंग्ल-अफ़ग़ान संधि

1919 के एंग्लो-अफगान युद्ध की शांति संधि

1919 का आंग्ल-अफ़ग़ान संधि,[1][2] जिसे रावलपिंडी की संधि के नाम से भी जाना जाता है, तीसरे एंग्लो-अफगान युद्ध के दौरान यूनाइटेड किंगडम और अफगानिस्तान के बीच हुआ एक युद्धविराम संधि था।[3] इस संधि पर 8 अगस्त 1919 को रावलपिंडी, ब्रिटिश भारत (अब पंजाब, पाकिस्तान ) में हस्ताक्षर किया गया था। यूनाइटेड किंगडम ने अफगानिस्तान की स्वतंत्रता को मान्यता दी, और इस बात पर सहमति भी व्यक्त की कि ब्रिटिश भारत खैबर दर्रे को पार नहीं करेगा और अफगानिस्तान को ब्रिटिश अनुदान (subsidies) देना बंद कर दिया जायेगा। इस संधि को हस्ताक्षर करने के तीन साल के भीतर दोनों पक्षों द्वारा रद्द किया जा सकता था लेकिन किसी भी पक्ष ने इसे रद्द नहीं किया। इसलिए यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमा समझौता बन गया।[1]

Anglo-Afghan Treaty of 1919
प्रकारbilateral treaty
हस्ताक्षरित8 अगस्त 1919 (1919-08-08)
स्थानRawalpindi, British India
मौलिक
हस्ताक्षरकर्ता
United Kingdom
Afghanistan
संपुष्टिकर्ताUnited Kingdom
Afghanistan

इन्हें भी देखें संपादित करें

डूरण्ड रेखा

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Adamec, Ludwig W. (2011). Historical Dictionary of Afghanistan. Scarecrow Press. पृ॰ 49. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-8108-7957-3. अभिगमन तिथि 2012-06-26.[मृत कड़ियाँ]
  2. N. A. Khalfin, "Anglo-Afghan Treaties and Agreements of the 19th and 20th Centuries" Archived 2018-08-17 at the वेबैक मशीन Retrieved 26 June 2012.
  3. "Third Afghan War (1919)". National Army Museum. मूल से 2012-06-08 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2012-06-26.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें