यह लेख पुरानी जानकारी होने के कारण तथ्यात्मक रूप से सटीक नहीं है। कृपया इसका अद्यतन कर इसे बेहतर बनाने में मदद करें। अधिक जानकारी वार्ता पृष्ठ पर पाई जा सकती है। (सितंबर 2014)
इंडियन प्रीमियर लीग 2011 जिसे कि संक्षेप में आईपीएल 4 या आईपीएल 2011 भी कहा जाता है, ये इंडियन प्रीमियर लीग का चौथा सत्र है, जिसकी शुरुआत भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड ने 2007 में की थी। टूर्नामेंट की मेजबानी भारत करेगा और इसका उद्घाटन और समापन समारोह चेन्नई के एम ए चिदंबरम स्टेडियम में होगा, जो कि वर्तमान विजेता दल चेन्नई सुपर किंग्स का गृह भी है। यह सत्र 8 अप्रैल से 28 मई 2011 तक चलेगा.[1] इस सत्र में पुणे वारियर्स इंडिया और कोच्चि टस्कर्स केरल के शामिल होने क बाद दलों की संख्या आठ से बढ़कर दस हो गई हैं। चिरायू अमीन इसके अध्यक्ष और आयुक्त हैं।
दो नए दलों के शामिल किए जाने के बाद दस दलों का एक नया प्रारूप तैयार किया गया है। इस नए प्रारूप के तहत 74 मुकाबले हैं और इसे अपनाया गया क्योंकि पुराने प्रारूप को अपनाने से 94 मुकाबले होते, जो पिछले सत्र के 60 मुकाबलों से काफी ज्यादा होता जहां दलों को राउंड-रॉबिन टूर्नामेंट में एक-दूसरे से दो-दो बार भिड़ना पड़ता था। नॉकआउट स्तर को प्लेऑफ प्रारूप में तब्दील कर दिया गया है। अगर कोई मुकाबला बराबरी पर खत्म होता है तो उसका नतीजा निकालने के लिए सुपर ओवर का सहारा लिया जाएगा.
दस दलों को पांच-पांच के दो समूहों में बांटा गया है। समूह स्तर पर प्रत्येक दल को 14 मुकाबले खेलने होंगे: समूह के बाकी चार दलों के साथ दो-दो बार भिड़ना होगा, (एक बार अपने घर में और दूसरा दूसरे के घर में), दूसरे समूह के चार दलों के साथ एक बार और बचे हुए दल के साथ दो बार मुकाबला लड़ना होगा। कौन किस समूह में रहेगा और कौन किसके साथ एक बार भिड़ेगा और कौन किससे दो बार भिड़ेगा इसका फैसला यादृच्छिक लॉटरी से किया गया।
प्रत्येक दल दूसरे दल से एक ही कतार में दो-दो बार मुकाबला खेलेगा और अन्य सभी से एक बार मुकाबला खेलेगा. उदाहरण के तौर पर जैसे पुणे वारियर्स चेन्नई सुपर किंग्स और समूह ए के दूसरे दलों के साथ दो-दो बार खेलता है लेकिन समूह बी के दूसरे दलों (कोलकाता नाइट राइडर्स, कोच्चि टस्कर्स केरल, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और राजस्थान रॉयल्स) के साथ सिर्फ एक-एक मुकाबला खेलेगा. इसी तरह कोच्चि टस्कर्स केरल भी दिल्ली डेयरडेविल्स और समूह बी के चार दलों के साथ दो-दो बार मुकाबला खेलेगा और समूह ए के दलों के साथ सिर्फ एक-एक बार मुकाबला खेलेगा.
मुकाबला ए, समूह स्तर पर प्रथम और दूसरे स्थान पर आए दलों के बीच मुकाबला
मुकाबला बी, समूह स्तर पर तीसरे और चौथे स्तर पर रहे दलों के बीच मुकाबला.
मुकाबला सी, मुकाबला ए में हारे हुए और मुकाबला बी में जीते हुए दल के बीच मुकाबला.
फाइनल, मुकाबला ए और सी के विजेताओं के बीच मुकाबला.
टूर्नामेंट के पहले तीन स्थानों पर रहने वाले दल चैंपियंस लीग ट्वेंटी20 2011 के लिए अर्हता प्राप्त करेंगे। नए प्लेऑफ प्रारूप की वजह से पात्रता हासिल करने वाले दल समूह स्तर पर अव्वल रहने वाले दो दल और प्लेऑफ स्तर पर मुकाबला बी के विजेता होंगे। [2]
प्रत्येक दल में अधिक से अधिक 30 खिलाड़ी हो सकते हैं जिन्हें खरीदने के लिए अधिकतम 9 मिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च किए जा सकते हैं। दो नए दलों को शामिल किए जाने की वजह से मौजूदा सभी आठ दलों को भंग कर दिया गया था। प्रत्येक दल 2010 सत्र के चार खिलाड़ियों को अपने साथ रख सकते थे जिसमें अधिकतम तीन खिलाड़ी भारतीय हो सकते थे। खिलाड़ियों को बनाए रखने के दौरान उनको दिए जाने वाले पैसे में कमी की जा सकती है और इसी तरह दूसरे खिलाड़ियों को खरीदने के लिए रकम से उसे घटाना पड़ता है। बाकी बचे सभी खिलाड़ियों को नीलामी प्रक्रिया में शामिल किया जाता है।[1]
दो नए दलों की वजह से आठ मौजूदा दलों का आवाह-क्षेत्र बदल दिया गया है। आवाह-क्षेत्र वे नामांकित क्षेत्र हैं जिससे प्रत्येक दल को स्थानीय खिलाड़ियों को चुनने में मदद मिलती है। प्रत्येक दल को अपने क्षेत्र से चार खिलाड़ियों को जरूर चुनना पड़ता है।
सभी फ्रेंचाइजी ने कुल 12 खिलाड़ियों को बनाए रखा जबकि बाकी खिलाड़ियों की नीलामी हुई। जिन खिलाड़ियों को बनाए रखा गया – वे फ्रेंचाइजी के 2010 सत्र के पंजीकृत दल का हिस्सा होना जरूरी है – इनकी कीमत पहले खिलाड़ी की 1.8 मिलियन डॉलर, दूसरे खिलाड़ी के लिए 1.3 मिलियन डॉलर, तीसरे खिलाड़ी के लिए 9,00000 डॉलर और चौथे खिलाड़ी के लिए 5,00000 डॉलर रखी गई। मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स ने अधिकतम चार खिलाड़ियों को बनाए रखा जबकि किंग्स XI पंजाब, डेक्कन चार्जर्स और कोलकाता नाइट राइडर्स ने सभी तीन खिलाड़ियों को छोड़ दिया। [3]
खिलाड़ी की नीलामी 8 और 9 जनवरी 2011 को बैंगलोर के आईटीसी रॉयल गार्डेनिया में हुई थी।[3] रिचर्ड मैडले नीलामीकर्ता थे।[4] नीलामी में कुल 350 खिलाड़ी (416 खिलाड़ियों में से कम कर दिया) थे। नीलामी में शामिल प्रत्येक खिलाड़ी की कीमत 20,000 से 400,000 डॉलर के बीच सुरक्षित रखा गया था।
पुणे और कोच्चि लीग के लिए नए हैं। इन दलों के लिए नीलामी चेन्नई में 22 मार्च 2010 को हुई थी। इन दो दलों की बोली 3,235 करोड़ रुपये में लगी जो 24 जनवरी 2008 को हुई सभी आठ दलों की नीलामी की कुल रकम 2,852 करोड़ रुपये से ज्यादा थी।[5]
राजस्थान रॉयल्स और किंग्स XI पंजाब को मालिकाना बदलाव की सूचना नहीं देने की वजह से सामयिक तौर पर निकाल दिया गया था। हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दोनों दलों को दोबारा शामिल किया गया।[6] जब बीसीसीआई ने इन कंपनियों के निगमन की मांग की तो इनके मालिक कई कानूनी संस्थाओं में बंट गए।[7][8] बीसीसीआई द्वारा टूर्नामेंट के नियमों के तहत मालिकाना मामले को हरी झंडी दिखाए जाने से पहले इसी कारण से कोच्चि दल भी बाहर होने के कगार पर था।[9]
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| style="width:35em" |Note : Results listed are according to the home (Horizontal) and visitor (Vertical) teams. नोट : मैच का सारांश देखने के लिए परिणाम पर क्लिक करें।
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