2016 क्वेटा पुलिस ट्रेनिंग सेंटर हमला

क्वेटा पुलिस ट्रेनिंग सेंटर हमला , 24 अक्टूबर 2016 को क्वेटा के शरयब रोड स्थित पुलिस ट्रेेनिंग सेंटर में रात को हुए एक आत्मघाती हमला था। इस दौरान तीन आत्मघाती हमलावरों ने अंधाधुंध फायरिंंग की। आतंकी हमले में 60 कैडेट्स की मौत हो गई और 100 से ज्यादा कैडेट्स घायल हो गए। तीनों आत्मघाती हमलावरों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया। पुलिस के अनुसार पांच से छह बंदूकधारियों ने इस हमले को अंजाम दिया जिसमें विस्फोटक सामग्री का भी इस्तेमाल किया गया था। हमले के समय मौजूद चश्मदीदों के अनुसार वे आतंकी आपस में अफगानी में बात कर रहे थे।[1]पाकिस्तान पर इस साल का यह तीसरा सबसे बड़ा आतंकी हमला है। इससे पहले 27 मार्च को गुलशन-ए-इकबाल पार्क पर हुए फिदायीन हमले में कम से कम 74 लोगों की मौत हुई थी। 338 घायल हुए थे तथा इसी साल अगस्त में क्वेटा के सिविल हॉस्पिटल पर फिदायीन हमला हुआ था, जिसमें 73 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें ज्यादातर वकील थे।[2]

क्वेटा पुलिस ट्रेनिंग सेंटर हमला
स्थान बलोचिस्तान पुलिस कॉलेज, क्वेटा, पाकिस्तान
तिथि 24 अक्टूबर 2016 (2016-10-24)
लक्ष्य पुलिस ट्रेनिंग सेंटर
हमले का प्रकार मास शूटिंग , बंधक बनाना, आत्मघाती विस्फोट
मृत्यु 60
घायल 118+
संदिग्ध अपराधी आईएसआईएल
लश्कर-ए-झांगवी
भागीदार संख्या 3

पृष्ठभूमि

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इससे पहले भी बलूचिस्तान में आतंकी सिक्युरिटी फोर्सेस और सरकारी दफ्तरों पर कई हमले कर चुके हैं। यहां एक दशक से ज्यादा वक्त से बगावत चल रही है। यह हमला उस घटना के एक दिन बाद हुआ है, जिसमें अलगाववादी संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी के बंदूकधारियों ने दो कोस्ट गार्ड का गोली मार कर उनकी हत्या कर दी थी। यह घटना इसी प्रांत में ग्वादर पोर्ट के करीब जिवानी टाउन में हुई थी।[2]

पाकिस्तानी सेना के मेजर जनरल शेर अफगन के अनुसार 24 अक्टूबर 2016 को 11 बजकर 10 मिनट (पाकिस्तान मानक समय) पर हमले की जानकारी मिली। बिल्डिंग में एक ही एंट्री प्वॉइंट था इसलिए ऑपरेशन को बड़े ही सर्तकता के साथ करने की आवश्यकता थी। सैनिकों के बिल्डिंग में घुसने की कोशिश पर दहशतगर्दों ने फायर किया जिस पर जवाबी फायरिंग की गई। आतंकियों ने क्वेटा के सरयाब रोड पर मौजूद ट्रेनिंग सेंटर के हॉस्टल में रात 11:10 बजे हमला बोला। हमले के वक्त कैम्पस में करीब 700 पुलिस कैडेट्स थे। कैम्पस में आतंकियों के घुसने के बाद वहां कम से कम 5 धमाकों की आवाज सुनी गई।[2] एक दशहतगर्द ने पहले ही खुद को उड़ा लिया, दूसरे को सेना ने गिराया। बाद में तीसरे ने भी खुद को उड़ा लिया। तीनों ने सुसाइड जैकेट पहन रखी थी।[2] दहशतगर्दों का सम्बन्ध लश्कर-ए-जंगी से है, ये सभी कथित तौर पर अफगानिस्तान से ऑपरेट हो रहे थे। इस ऑपरेशन में 3 घंटे लगे।[3] सेना की वर्दी में चेहरे पर नकाब लगाकर आए इन आतंकियों के हाथ में कलाश्निकोव (एके-47 परिवार से सम्बंधित) गन भी थी। कहा जा रहा है कि आतंकियों ने पुलिसवालों को बंधक बना लिया था।[2]

प्रतिक्रिया

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आयोग ने कहा, ‘‘यह चिंताजनक स्थिति है जब पिछले कुछ वर्षों में आतंकवाद के मुकाबले पर विशेष ध्यान देने के बावजूद आतंकवादी क्वेटा जैसे प्रांतीय शहर में बड़ा हमला करने और इतने अधिक लोगों को हताहत करने में कामयाब रहे।’’
एक और बयान में कहा गया कि देश की आतंक-निरोधी रणनीति के नए सिरे से आकलन की सख्त जरूरत है, जो कि प्रभावी होती प्रतीत नहीं हो रही है।
आयोग ने कहा कि क्वेटा में हमला करने वाले लोगों के बारे में अंदाजा लगाना अभी जल्दबाजी होगी लेकिन पाकिस्तान को अपने पड़ोसियों से खराब होते रिश्ते की तरफ गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है।[4]
  •   अमेरिका ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि वह पाकिस्तान के लोगों एवं पाकिस्तान सरकार के साथ खड़ा है और आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए अपने साझीदारों के साथ मिलकर काम करेगा। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, हम जनसेवा में करियर शुरू करने वाले पुलिस कैडेट समेत पीड़ितों एवं उनके परिजन के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं। उन्होंने कहा, हम इस मुश्किल की घड़ी में पाकिस्तान के लोगों एवं पाकिस्तान सरकार के साथ खड़े हैं और हम आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए पाकिस्तान में और पूरे क्षेत्र में अपने साझीदारों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे।[5]

हमले के बाद सभी हॉस्पिटल में वहां के मुख्यमंत्री की तरफ से इमरजेंसी लागू कर दी गई। रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। सुरक्षा बलों के दस्ते पहुंच गए।[3] ट्रेनिंग सेंटर का कैम्पस चार घंटे के भीतर खाली करा लिया गया। पीड़ितों में ज्यादातर पुलिस कैडेट्स थे, जिन्हें क्वेटा के सिविल हॉस्पिटल, बोलन मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल और मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इनमें से कुछ की हालत गंभीर थी।[2]

इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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