उरी हमला 18 सितम्बर 2016 को जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर हुआ, एक आतंकी हमला है जिसमें 16 जवान शहीद हो गए। सैन्य बलों की कार्यवाही में सभी चार आतंकी मारे गए। यह भारतीय सेना पर किया गया, लगभग 20 सालों में सबसे बड़ा हमला है। उरी हमले में सीमा पार बैठे आतंकियों का हाथ बताया गया है। इनकी योजना के तहत ही सेना के कैंप पर फिदायीन हमला किया गया। हमलावरों के द्वारा निहत्थे और सोते हुए जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गयी ताकि ज्यादा से ज्यादा जवानों को मारा जा सके। [4] अमेरिका ने उड़ी हमले को "आतंकवादी" हमला करार दिया।[5] उड़ी हमले का बदला भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक से लिया, जिस पर एक फिल्म बनी है, उड़ी: द सर्जिकल स्ट्राइक, यह एक ऐसी फिल्म है जिससे देशहित के लिए राष्ट्रवादी विचारधारा का विकास होगा और हम भारतीयों में राष्ट्रीयता पनपेगी।

2016 उरी/उड़ी हमला
सम्बंधित: जम्मू और कश्मीर में उग्रवाद
2016 उड़ी हमला is located in जम्मू और कश्मीर
2016 उड़ी हमला
2016 उड़ी हमला (जम्मू और कश्मीर)
2016 उड़ी हमला is located in भारत
2016 उड़ी हमला
2016 उड़ी हमला (भारत)

जम्मू और कश्मीर में स्थान, भारत
स्थान उरी, बारामूला जिला, जम्मू-कश्मीर, भारत
तिथि 18 सितम्बर 2016
5.30 am (आईएसटी)
हमले का प्रकार आतंकवाद, मास शूटिंग
हथियार एके-47 राइफल, हथगोले
मृत्यु 22 (18 जवान, 4 हमलावर)[1]
घायल 19 - 30[2][3]
अपराधी 4 आतंकवादी
संदिग्ध अपराधी जैश-ए-मोहम्मद
संरक्षक भारतीय सेना

यह हमला 18 सितम्बर 2016 को सुबह साढ़े 5 बजे (आईएसटी) उरी सेक्टर के पास स्थित आर्मी हेडक्वार्टर पर हुआ। आतंकियों की पहली योजना थी कि निहत्थे और सोते हुए जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर ज्यादा से ज्यादा जवानों को मारा जाए। इसके बाद बटालियन हेडक्वार्ट्स के प्रशासनिक ब्लॉक में मेडिकल एड युनिट में घुसकर वहां खूनखराबा किया जाये और इसके बाद अंत में ऑफिसर्स मेस में घुसकर खुद को उड़ा लेना। हालांकि पैरा स्पेशल फोर्सेज़ को प्रशासनिक ब्लॉक में उतारे जाने के फैसले की वजह से आतंकी अपने इन नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए।[4]

स्पेशल फोर्सेज़ ने आतंकवादियों को प्रशासनिक ब्लॉक में ही सीमित कर दिया और तेज़ी से किए ऑपरेशन में खत्म कर दिया। कुछ ही घंटों के अंदर ही चारों आतंकियों को मार गिराया गया। पर इससे पहले ही निहत्थे सैनिकों पर गोलीबारी से काफी नुकसान हो चुका था। आतंकवादियों ने बटालियन हेडक्वार्टर के फ्यूल डिपो में ढेरों ग्रेनेड फेंककर आग लगा दी थी। इससे लगभग सौ मीटर के दायरे में भीषण आग लग गई, जिसमें अधिकतर सैनिकों की जान चली गई।

प्रतिक्रिया

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  भारत
  • राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने ट्वीट कर कहा कि भारत इस तरह के हमलों से डरने वाला नहीं है। इन्होंने दो टूक शब्दों में कहा, "हम आतंकवादियों और उन्हें शह देने वालों के नापाक इरादों को नाकाम कर देंगे।"[5]
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, "हम उड़ी में हुए कायराना हमले की कड़ी आलोचना करते हैं। मैं राष्ट्र को भरोसा देता हूं कि इस कायरतापूर्ण हमले के पीछे जो भी लोग हैं उन्हें सज़ा ज़रूर मिलेगी।" एक और ट्वीट में मोदी ने कहा, "हम उड़ी में शहीद होने वालों को सलाम करते हैं। राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा को हमेशा याद रखा जाएगा। मेरी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं। मैंने हालात का जायज़ा लेने के लिए गृहमंत्री और रक्षामंत्री से बात की है। रक्षामंत्री हालात पर नज़र रखने के लिए कश्मीर जा रहे हैं।"[5]
  • गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि वे उड़ी में सेना के कैंप पर हुए आतकंवादी हमले में 17 जवानों के "शहीद होने" से काफ़ी दुखी हैं। उन्होंने ज़ख़्मी हुए लोगों के जल्दी स्वस्थ होने की कामना भी की।[5]
  • सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स में कहा- 'भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पर और आंतरिक क्षेत्र दोनों ही जगह आतंकी स्थिति से निपटते समय अत्यधिक संयम बरता है। हालांकि आवश्यकता पड़ने पर हम इस तरह की हिंसात्मक और आक्रामक कार्यवाही का जवाब देने के लिए पूरी क्षमता रखते हैं। हम इस तरह की किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्यवाही का सही समय और स्थान पर जवाब देने का अपना अधिकार सुरक्षित रखते हैं।[6]
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिकारिक अकाउंट से ट्वीट किया गया, "उरी में हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले में भारतीय सैनिकों की शहादत पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गहरे दुःख और शोक का इज़हार किया है। सोनिया गांधी ने इसे हमारी राष्ट्रीय चेतना पर हमला कहा है।"[7]
  अमेरिका
  • भारत में अमरीकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया, "हम इस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं। हमारी संवेदनाएं मारे गए वीर सैनिकों के रिश्तेदारों के साथ हैं।"[5]
  • संयुक्त राष्ट्र

19 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून के प्रवक्ता ने बयान जारी करके इन हमलों की कड़ी निंदा की और मारे गए सैनिकों के परिवारों औेर भारत सरकार से सहानुभूति जताई। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की तथा विश्वास जताया कि अपराधियों को उचित दंड दिया जाएगा।[8]

चीन के प्रवक्ता ने कहा, "चीन हर तरह के आतंकवाद का विरोध करता है और उसकी कड़े शब्दों में निंदा करता है। हम कश्मीर में बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित हैं।" उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष अपने मतभेद दूर करने के लिए बातचीत और विचार विमर्श करेंगे तथा आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाएंगे।"[9]

रूस ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए शहीदों के परिवार के प्रति संवेदना जाहिर की है।[10]

फ्रांस ने अपने बयान में कहा कि वह भारत के रुख का मजबूती से समर्थन करता है। भारत आंतकवाद का शिकार रहा है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वह भारत के साथ खड़ा है।[10]

भारत सरकार ने इस आतंकी हमले को बहुत गंभीरता से लिया। गृहमंत्री ने इस हमले की वजह से रूस और अमेरिका के प्रस्तावित दौरे को टाल दिया।[5] भारतीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार उरी में ढेर किए गए चारों आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के थे, जिन्हें पाकिस्तानी सेना ने पीओके के सवाई नाला कैंप में प्रशिक्षण दिया। उरी हमले के लिए आतंकी 2-2 के ग्रुप में आए थे और 36 घंटे पहले ही उन्होंने घुसपैठ की थी। इन 4 आतंकियों को पिछले महीने सवाई नाला कैंप में ट्रेनिंग दी गई थी। हाफिज सईद और सलाउद्दीन ने मिलकर उरी हमले की साजिश रची थी। संयुक्त ट्रेनिंग के बाद हमले के लिए अलग-अलग टीम बनाई गईं। इसके अलावा सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि उनके पास 42 आतंकी कैंपों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं।[11] पहले हुए कई हमलों (पठानकोट आदि) की तरह इस हमले में भी आतंकवादियों के पाकिस्तान से संबंध होने के प्रमाण मिले, जिसके कारण भारत भर में पाकिस्तान के प्रति रोष प्रकट हुआ और भारत सरकार ने कई अप्रत्याशित कदम उठाए जिनसे भारत-पाकिस्तान संबंध प्रभावित हुए।

  • भारत सरकार ने कूटनीतिक स्तर पर विश्वभर में पाकिस्तान को अलग थलग करने की मुहिम छेड़ दी।
  • संयुक्त राष्ट्र में भारत की विदेश मंत्री ने आतंक का पोषण करने वाले देशों की निंदा की। पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में कहा कि कश्मीर छीनने का सपना पूरा नहीं होगा।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान 'खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते' के साथ ही भारत ने सिंधु जल संधि की समीक्षा शुरु कर दी। पाकिस्तान ने इसे युद्ध की कार्यवाही बताया[12], और भारत के खिलाफ परमाणु हथियारों के उपयोग की धमकी दी। संधि रद्द होने के डर से पाकिस्तान ने विश्व बैंक का दरवाज़ा खटखटाया।[13]
  • भारत ने नवंबर 2016 में इस्लामाबाद में होने वाले दक्षेस शिखर सम्मेलन का बहिष्कार करने की घोषणा की। बांग्लादेश, अफगानिस्तानभूटान ने भी भारत का समर्थन करते हुए बहिष्कार की घोषणा की।[14]
  • भारत ने पाकिस्तान को दिए गए मोस्ट फेवर्ड नेशन के दर्जे पार पुनर्विचार की घोषणा की।[15]
  • 29 सितंबर 2016 को भारत के डीजीएमओ ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि भारतीय सेना ने आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल हमले किए।[16] ये हमले पीओके में किये गए, आतंकवादियों के 7 ट्रेनिंग कैम्पों पर यह सर्जिकल हमला किया गया जिसमें कम से कम 38 आतंकवादियों को मार गिराया गया, 2 पाक सैनिकों के मारे जाने की भी खबर मिली।हालात पर पीएम मोदी की नज़र थी व गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकरसेना के तीनों प्रमुखों से पीएम जुड़े हुए थे। इस आपरेशन की जानकारी अमेरिका, रूस व ब्रिटेन को अन्तर्राष्ट्रीय प्रोटोकोल के तहत दे दी गई थी।

[17]

इन्हें भी देखें

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  1. Terror fidayeen attack at armys uri brigade in baramulla kashmir Archived 2016-09-21 at the वेबैक मशीन - इंडियन एक्सप्रेस
  2. Uri terror attack: 17 soldiers killed, 19 injured in strike on Army camp Archived 2016-09-22 at the वेबैक मशीन, Times of India, 18 September 2016.
  3. Uri terror attack: List of jawans who died fighting terrorists Archived 2016-09-19 at the वेबैक मशीन, द इंडियन एक्सप्रेस, 18 September 2016.
  4. उरी हमला : निहत्थे जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर ऑफिसर्स मेस में खुद को उड़ा लेना चाहते थे आतंकी Archived 2016-09-19 at the वेबैक मशीन - एनडीटीवी - 19 सितम्बर 2016
  5. हमला करने वाले बचेंगे नहीं: नरेंद्र मोदी Archived 2016-09-19 at the वेबैक मशीन - बीबीसी - 19 सितम्बर 2016
  6. "उरी हमला : सेना ने कहा - भारत अपने हिसाब से सही समय और स्थान पर करेगा जवाबी कार्यवाही". एनडीटीवी खबर. Archived from the original on 26 सितंबर 2020. Retrieved 20 सितंबर 2016.
  7. 'पाक युद्ध चाहता है तो यही सही' Archived 2016-09-19 at the वेबैक मशीन - बीबीसी - 18 सितम्बर 2016
  8. "Uri terror attack: UN Secretary General Ban Ki-moon condemns act". द इंडियन एक्सप्रेस. 19 September 2016. Archived from the original on 19 सितंबर 2016. Retrieved 19 September 2016.
  9. "चीन ने उरी हमले पर पाकिस्तान, जैश ए मोहम्मद का सीधा जिक्र नहीं किया". Archived from the original on 20 सितंबर 2016. Retrieved 20 सितंबर 2016.
  10. उड़ी हमले पर फ्रांस और रूस ने खुले तौर पर लिया पाकिस्तान का नाम Archived 2016-10-02 at the वेबैक मशीन - नवभारत टाइम्स - 20 सितंबर 2016
  11. रिपोर्ट में खुलासा, पाक सेना ने दी थी उरी हमले के आतंकियों को ट्रेनिंग Archived 2016-09-23 at the वेबैक मशीन - आईबीएन7 - 21 सितम्बर 2016
  12. "सिंधु जल समझौते के उल्लंघन को 'युद्ध के लिए उकसाने' के तौर पर लिया जाएगा : पाकिस्तान". Archived from the original on 28 सितंबर 2016. Retrieved 29 सितंबर 2016.
  13. "सिंधु जल संधि के मसले पर पाकिस्तान ने विश्व बैंक का रुख किया". Archived from the original on 28 सितंबर 2016. Retrieved 29 सितंबर 2016.
  14. "पाकिस्तान पड़ा अलग-थलग - भारत के बाद तीन और देशों ने किया सार्क सम्मेलन में शिरकत से इंकार". एनडीटीवी खबर. Archived from the original on 29 सितंबर 2016. Retrieved 29 सितंबर 2016.
  15. "पाकिस्तान को दिए 'सबसे तरजीही मुल्क' के दर्जे पर पुनर्विचार करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी". Archived from the original on 28 सितंबर 2016. Retrieved 29 सितंबर 2016.
  16. "कल रात हमने LoC पर आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल हमला किया : विदेश, रक्षा मंत्रालय की संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग में DGMO". एनडीटीवी खबर. Archived from the original on 2 अक्तूबर 2016. Retrieved 29 सितंबर 2016. {{cite web}}: Check date values in: |archive-date= (help)
  17. सेना ने लिया उड़ी हमले का बदला Archived 2016-09-30 at the वेबैक मशीन - पंजाब केसरी - 29 सितम्बर 2016

बाहरी कड़ियाँ

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