3 गोरखा राइफल्स
3 गुरखा राइफल्स भारतीय सेना का एक सैन्य-दल है। इस सैन्य दल में नेपाली मूल के खस सैनिक होते हैं। जिन्हे पहारी, गोर्खाली, छेत्री और ठकुरि भी कहा जाता है। इसे मूल रूप से 1815 में ब्रिटिश भारतीय सेना में गठित किया गया था इसने अनेक कार्यों, प्रथम और द्वितीय विश्व युद्धों व 1857 में दिल्ली की घेराबंदी सहित युद्धों ने सेवा दी। 1947 में भारत के विभाजन के बाद, इस रेजिमेंट को भारतीय स्वतंत्रता के समय भारत, नेपाल और ब्रिटेन के बीच हस्ताक्षर किए गए त्रिपक्षीय समझौते के हिस्से के रूप में भारतीय सेना को हस्तांतरित छह गोरखा रेजिमेंट में से एक था। आजादी से पहले, रेजिमेंट 3 क्वीन एलेक्जेंड्रा की खुद की गोरखा राइफल्स के रूप में जाना जाता था। 1950 में रेजिमेंट के शीर्षक को 3 गोरखा राइफल्स में बदल दिया गया था। 1947 के बाद से रेजिमेंट ने पाकिस्तान के खिलाफ 1947 और 1971 के युद्धों सहित अनेक संघर्षों में भाग लिया है। [1][2]
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करेंइन्हें भी देखें
संपादित करें- भारतीय सेना की रेजिमेंट्स की सूची
- भारतीय सेना
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "3rd Gurkha Rifles" [3 गोरखा राइफल्स] (अंग्रेज़ी में). Regiments.org. मूल से 12 जनवरी 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 अप्रैल 2016.
- ↑ Parker, John. (2005). The Gurkhas: The Inside Story of the World's Most Feared Soldiers. Headline Books Publishing. ISBN 978-0-7553-1415-7.