8 मार्च वर्कशॉप एवं एडिटआथोन

दिनांक ८ मार्च को अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय में एक कार्यशाला एवं एडिटथ‘ओन का आयोजन किया गया। यह महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं से संबंधित लेखों पर विशेष जोर दिये जाने से संबंधित भी था।

विकिपीडिया कार्यशाला एवं एडिटथॉन
International Women's Day Workshop ABHVV Bhopal 26.jpg
कार्यशाला में व्यस्त सदस्यगण
तिथि ८ मार्च, २०१७
समय ०९३० प्रातः से ०५३० सांय
स्थान अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय, भोपाल
निर्देशांक 23°11′40″N 77°24′42″E / 23.1944491°N 77.411677°E / 23.1944491; 77.411677निर्देशांक: 23°11′40″N 77°24′42″E / 23.1944491°N 77.411677°E / 23.1944491; 77.411677
आयोजनकर्ता विकिपीडियन सुयश द्विवेदी एवं अन्य
सहयोगी संस्थान अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय

8 मार्च अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस को अटल वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय में एडिटथोन किया जिसमे सदस्यों ने, प्रसिद्द भारतीय महिलओं के लेख बनाएँ /विस्तारित करें तथा सही श्रेणीकरण किया गया।

भूमिका/संक्षिप्त विवरणसंपादित करें

८ मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय में महिला शिक्षिकाओ एवं विधार्थीओ के साथ कार्यशाला।

उद्देश्यसंपादित करें

८ मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उल्लेखनीय महिलाओ पर लेख बनाना एवं सुधारना।

तिथिसंपादित करें

८ मार्च २०१७,सुबह ११.०० बजे से दोपहर १.३० बजे तक।

स्थानसंपादित करें

अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय भोपाल शैक्षणिक परिसर, मिंटो हॉल, राजभवन भोपाल।

कार्यक्रम विवरणसंपादित करें

करीब ४० प्रतिभागियों को विकिपीडिया की कार्यप्रणाली के बारे में बताया गया,तत्पश्यात १३ महिला सदस्यो के साथ श्री सुयश द्विवेदी जी ने लेख बनाने का कार्य किया एवं अन्य २७ सदस्य जिनमे ४ पुरुष एवं २३ महिला प्रतिभागी थे, उन्होंने स्वप्निल करंबेलकर जी के साथ वर्कशॉप में भाग लिया जिसमे खाता बनाना (६ नये खाते बने ) ,विकिपीडिया पर संपादन करना,लेखों का अनुवाद करना,कड़ी बनाना,तथा नए लेख बनाना समझाया गया।

सदस्यसंपादित करें

परिणामसंपादित करें

ढाई घंटे के कार्यक्रम में करीब ३५ महिला (शिक्षिकाएं/विद्यार्थी) एवं ५ पुरुष विद्यार्थियों ने कार्यशाला में, जहाँ १२ पूर्व सदस्यो ने विकिपीडिया पर सामग्री जोड़ी, अन्य में ६ नये खाते बने, बाकियो ने विकिपीडिया की बारीकियां सीखी व् समझी .तीन शिक्षिकाओं ने महिलाओं के विषय पर स्वरचित कविताओ का पाठ भी किया।

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