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{''जाडेजा'''
{{Multiple issues|
जडेजा''' एक [[क्षत्रिय]] [[राजपूत]] जाति और वंश है। <ref>{{cite book|url=https://www.google.com/books/edition/Valour_and_Sacrifice/xLrTzZd0j1kC?hl=en&gbpv=1&dq=kshatriya+rajput&pg=PA123&printsec=frontcover |first=Lt-Col Gautam |last=Sharma |title=Valour and Sacrifice |publisher=Allied Publishers Limited |year=1990 |pages=123 |isbn=817023140}}</ref> जडेजा राजपूत भगवान श्री [[कृष्ण]] के वंशज है।<ref>{{cite conference |url=http://www.sasnet.lu.se/EASASpapers/23McLeod.pdf |first=John |last=Mcleod |title=The Rise and Fall of the Kutch Bhayati |publisher=Eighteenth European Conference on Modern South Asian Studies, University of Lund |date=6–9 July 2004 |pages=5 |accessdate=13 September 2012 |url-status=dead |archive-url=https://web.archive.org/web/20120307204736/http://www.sasnet.lu.se/EASASpapers/23McLeod.pdf |archive-date=7 March 2012 }}</ref> जाडेजा राजवंश गुजरात के कच्छ व सौराष्ट्र के इलाके में राज करने वाला एक झुझारू राजवंश है।जाडेजा राजवंश की उत्पत्ति चंद्रवंशी क्षत्रिय वंश से हैं व इनकी उत्पत्ति यदुकुल से मानी जाती है। जाडेजा चुडासमा भाटी जादौन चारो कुल यदुवंश की अलग अलग शाखाये है जो भिन्न भिन्न समय पर यदुवंश से निकली है। जाडेजा वंश गुजरात का सबसे बड़ा राजपूत वंश माना जाता है। जाडेजा राजपूतों के सौराष्ट्र में लगभग 700 गाँव बेस हुए है और लगभग २३०० गाँवो पर आजादी के समय इनका शासन रहा है।गुजरात में ऐसी मान्यता है के जिन गांवों में ठाकुर जी श्री कृष्ण का मंदिर नहीं है वहां लोग सुबह उठकर किसी जाडेजा के पाँव छूकर आशीर्वाद प्राप्त कर सकते है।गुजरात हाई कोर्ट भी जाडेजाओ की कृष्णा जी के वंशज होने की बात प्रमाणित करता है कुछ समय पहले हुए एक केस में कोर्ट ने जाम नरेश को प्रद्युम्न जी का वारिस मानते हुए संपत्ति पर हक़ का अधिकार दिया।
{{मूल शोध|date=मई 2020}}
{{हालही झुकाव|date=मई 2020}}
=== धार्मिकता ===
}}
[[चित्र:Jadeja Chief.JPG|अंगूठाकार|306x306पिक्सेल| पोस्टेन्स द्वारा चित्रित जाड़ेजा मुखिया जाम भड़वा, १८३८]]
जडेजा के प्रमुख कुलदेवी [[आशापुरा माता]] है।.<ref>{{Cite book|last=De Neve|first=Geert|title=The Meaning of the Local: Politics of Place in Urban India|last2=Donner|first2=Henrike|publisher=Taylor and Francis|year=2007|pages=221}}</ref>. देवी का मुख्य मंदिर [[माता नहीं मध]] पर स्थित है। <ref name=gbp>{{cite book|title=Gazetteer of the Bombay Presidency: kutch, Palanpur, and Mahi Kantha|url=https://books.google.com/books?id=dLUBAAAAYAAJ|year=1880|publisher=Printed at the Government Central Press|pages=233–234}} {{PD-notice}}</ref> [[शिव]] और [[कृष्ण]] उनके संरक्षक देवता हैं। उनमें से कई ने स्वामीनारायण और वैष्णव संप्रदायों को अपनाया है। वे अपने पूर्वजों का चित्रण करते हुए स्मारक पत्थरों की भी पूजा करते हैं। <ref>{{cite book|first=K.S. |last=Singh |title=People of India Gujarat part one Volume XXII|url=https://books.google.com/books?id=4Cy_-FXW9BQC&pg=PA519&dq=jadeja+rajput&hl=en&newbks=1&newbks_redir=1&sa=X&ved=2ahUKEwiV78DIlcLtAhXGpJ4KHc_KDvAQ6wEwAXoECAMQAQ |year=2003 |publisher=Popular Prakashan Pvt. Ltd. |isbn=8179911047 |page=51}}</ref>
'''जाडेजा''' एक [[राजपूत]] कबीला है, सम्मा (जनजाति) के हैं। जो हिंदू भगवान कृष्ण के वंशज होने का दावा करता है और वे यदुवंशी राजपूतों से संबंध रखते हैं।<ref name="Mcleodp5">{{cite conference |url=http://www.sasnet.lu.se/EASASpapers/23McLeod.pdf |first=John |last=Mcleod |title=The Rise and Fall of the Kutch Bhayati |publisher=Eighteenth European Conference on Modern South Asian Studies, University of Lund |date=6–9 July 2004 |page=5 |accessdate=13 September 2012 |deadurl=yes |archiveurl=https://web.archive.org/web/20120307204736/http://www.sasnet.lu.se/EASASpapers/23McLeod.pdf |archivedate=7 March 2012 |df=dmy-all }}</ref> परंतु न तो भगवान कृष्ण और न ही उनकी कोई पत्नी राजपूत थी। (वास्तव में, राजपूत समुदाय कृष्ण के काल में मौजूद नहीं था और न ही कई शताब्दियों बाद तक पैदा हुआ था।)<ref name="Yadava2006p1">{{cite book |title=Followers of Krishna: Yadavas of India |first=S. D. S. |last=Yadava |publisher=Lancer Publishers |year=2006 |isbn=9788170622161 |page=11 |url=https://books.google.co.in/books?id=p69GMA226bgC&pg=PA10&dq=ahir+yayati&hl=en&ei=Qni2TdjoOJHsrQe0opHLDQ&sa=X&oi=book_result&ct=result#v=snippet&q=neither%20Lord%20Krishna%20nor%20any%20of%20his%20wives%20were%20Rajputs.%20In%20fact%20the%20Rajput%20community%20did%20not%20exist%20during%20Lord%20Krishna's%20time&f=false |access-date=27 मई 2020 |archive-url=https://web.archive.org/web/20160307002559/https://books.google.co.in/books?id=p69GMA226bgC&pg=PA10&dq=ahir+yayati&hl=en&ei=Qni2TdjoOJHsrQe0opHLDQ&sa=X&oi=book_result&ct=result#v=snippet&q=neither%20Lord%20Krishna%20nor%20any%20of%20his%20wives%20were%20Rajputs.%20In%20fact%20the%20Rajput%20community%20did%20not%20exist%20during%20Lord%20Krishna's%20time&f=false |archive-date=7 मार्च 2016 |url-status=live }}</ref> कुछ विद्वान इन्हें [[चूड़ासमा]] व [[देवगिरि के यादव|देवगिरि के यादवों]] की तरह [[अहीर|आभीर]] ही मानते हैं।<ref>{{cite web | url=https://books.google.co.in/books?id=gPAdAAAAMAAJ&dq=some+scholars%2C+however%2C+regard+the+jadejas+and+devgiri+yadavas+as+abhiras&focus=searchwithinvolume&q=Cudasamas+Jadejas+Abhiras | title=The Glory that was Gūrjaradeśa, Volume 2 | publisher=Bharatiya Vidya Bhavan, 1943| accessdate=8 Nov 2006| page=136}}</ref>
 
=== शिक्षा और सुधार ===
समा राजवंश ने "जाम" शीर्षक, "राजा" या "सुल्तान" के बराबर लिया, क्योंकि वे जामशिद के वंशज होने का दावा करते हैं।<ref name="M.H. Syed p240">[History of Delhi Sultanate by M.H. Syed (p240), 2005 {{ISBN|978-8-12611-830-4}}]</ref>
 
जडेजा परिवार के अधिकांश पुरुष और महिलाएं साक्षर हैं और कई उच्च शिक्षित हैं। वे आधुनिक मेडिकेयर का उपयोग करते हैं और परिवार नियोजन के उपायों को अपनाते हैं। जडेजा सुधारवादी समूह सामाजिक सुधार, शैक्षिक उन्नति, छात्रों के लिए बोर्डिंग हाउस चलाने और राजनीतिक दबाव समूह के रूप में कार्य करने में लगे हुए हैं। जडेजा के अधिकांश परिवार कृषि से जुड़े हैं और काफी जमीन जायदाद के बाद की संपत्ति रखते हैं। वे अब व्यवसाय और सेवा क्षेत्र में भी लगे हुए हैं क्योंकि उनकी अधिशेष भूमि सरकार को हस्तांतरित की गई है, विशेष रूप से युवा पीढ़ी जो बहुत अधिक शिक्षित है।<ref>{{cite book|first=K.S. |last=Singh |title=People of India Gujarat part one Volume XXII|url=https://books.google.com/books?id=4Cy_-FXW9BQC&pg=PA519&dq=jadeja+rajput&hl=en&newbks=1&newbks_redir=1&sa=X&ved=2ahUKEwiV78DIlcLtAhXGpJ4KHc_KDvAQ6wEwAXoECAMQAQ |year=2003 |publisher=Popular Prakashan Pvt. Ltd. |isbn=8179911047 |page=51}}</ref>
जाडेजा वंश ने 1540 और 1948 के बीच कच्छ की रियासत पर शासन किया। इस राज्य का गठन राजा खेंगरजी प्रथम ने किया था, जो बारह जाडेजा कुलीन जमींदार परिवारों के अधीन थे, जो उनसे संबंधित भी थे, साथ ही वाघेला समुदाय के दो परिवार भी थे। खेंगारजी और उनके उत्तराधिकारियों ने 18 वीं शताब्दी के मध्य तक इन ''भायत'' (सरदारों) की वफ़ादारी को बनाए रखा।<ref>{{cite conference |url=http://www.sasnet.lu.se/EASASpapers/23McLeod.pdf |first=John |last=Mcleod |title=The Rise and Fall of the Kutch Bhayati |publisher=Eighteenth European Conference on Modern South Asian Studies, University of Lund |date=6–9 July 2004 |pages=1–5 |accessdate=13 September 2012 |deadurl=yes |archiveurl=https://web.archive.org/web/20120307204736/http://www.sasnet.lu.se/EASASpapers/23McLeod.pdf |archivedate=7 March 2012 |df=dmy-all }}</ref>
=== खान पान ===
भोजन के लिए उनके अनाज में बाजरा, सोरघम, गेहूं, चावल हैं; सभी प्रकार की स्थानीय दालों और सब्जियों के साथ। यद्यपि बड़ी संख्या में जडेजा पुरुषों ने अपने भोजन की आदतों में शाकाहारी होना पसंद किया, लेकिन वे मांसाहारी भी हो सकते हैं। जडेजा महिलाएं आमतौर पर घर में मांसाहारी भोजन नहीं बनाती हैं और इसके बजाय ऐसी वस्तुओं को नर बोली में पकाया जाता है, जिन्हें स्थानीय भाषा में "उत्तरा" के रूप में भी जाना जाता है। वे दूध और डेयरी उत्पादों का भी सेवन करते हैं। <ref>{{cite book|first=K.S. |last=Singh |title=People of India Gujarat part one Volume XXII|url=https://books.google.com/books?id=4Cy_-FXW9BQC&pg=PA519&dq=jadeja+rajput&hl=en&newbks=1&newbks_redir=1&sa=X&ved=2ahUKEwiV78DIlcLtAhXGpJ4KHc_KDvAQ6wEwAXoECAMQAQ |year=2003 |publisher=Popular Prakashan Pvt. Ltd. |isbn=8179911047 |page=51}}</ref>
=== सामाजिक संबंध ===
अतीत में, जडेजा परिवारों ने विभिन्न जातियों को कृषि श्रम के रूप में नियुक्त किया और उनके साथ अच्छे नियोक्ता-कर्मचारी संबंधों को बनाए रखा। उनके [[ब्राह्मण]], वालंद और ढेड समुदायों के साथ संरक्षक-ग्राहक संबंध हैं। जडेजा सुधारवादी समूह सामाजिक सुधार, शैक्षिक उन्नति, छात्रों के लिए बोर्डिंग हाउस चलाने और राजनीतिक दबाव समूह के रूप में कार्य करने में लगे हुए हैं। <ref>{{cite book|first=K.S. |last=Singh |title=People of India Gujarat part one Volume XXII|url=https://books.google.com/books?id=4Cy_-FXW9BQC&pg=PA519&dq=jadeja+rajput&hl=en&newbks=1&newbks_redir=1&sa=X&ved=2ahUKEwiV78DIlcLtAhXGpJ4KHc_KDvAQ6wEwAXoECAMQAQ |year=2003 |publisher=Popular Prakashan Pvt. Ltd. |isbn=8179911047 |page=51}}</ref>
 
== उल्लेखनीय लोग ==